मुंबई, 17 जुलाई विशेष सीबीआई अदालत ने यस बैंक से जुड़े फर्जीवाड़े का मामला शुक्रवार को एक मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत में भेज दिया क्योंकि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को मुख्य आरोपी राणा कपूर के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं मिली।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पिछले महीने यस बैंक के सह-संस्थापक कपूर के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून और भारतीय दंड संहिता के तहत आरोपपत्र दायर किया था।
अदालत को सूचित किया गया कि लेकिन एजेंसी ने भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत मुकदमा चलाने के लिए आवश्यक स्वीकृति प्राप्त करने के लिए अभी प्रक्रिया शुरू नहीं की है।
न्यायाधीश ने जब इस बारे में पूछा तो सीबीआई ने कहा कि आरोपी के खिलाफ जांच अभी चल रही है और उसे स्वीकृति का मुद्दा देखने के लिए कुछ समय चाहिए।
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इसने यह भी दलील दी कि भारतीय दंड संहिता की धाराओं 420 (ठगी) और 409 (किसी सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा आपराधिक विश्वासघात) के तहत मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी की कोई आवश्यकता नहीं है।
यस बैंक में सीएमडी होने के नाते कपूर को ‘लोकसेवक’ मानते हुए भ्रष्टाचार रोकथाम कानून लगाया गया था।
अदालत ने कहा कि कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए लंबित रखना उचित नहीं है। इसलिए मामले को मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, एस्प्लेनेड भेजा जाता है।
इसने कहा कि इस चरण में, सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 420 (ठगी) और 409 (किसी सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा आपराधिक विश्वासघात) के तहत आरोप हैं जिनमें मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सुनवाई कर सकते हैं।
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