नयी दिल्ली, आठ अप्रैल महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की अपनी प्रारंभिक जांच के संबंध में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बृहस्पतिवार को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह, सहायक पुलिस आयुक्त संजय पाटिल और निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे से पूछताछ की।
बंबई उच्च न्यायालय ने सीबीआई को आरोपों की प्रारंभिक जांच करने का आदेश दिया था।
सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि देशमुख ने पाटिल को अपने आवास पर बुलाया था जहां उनके निजी स्टाफ ने पुलिस अधिकारी को बार और रेस्तराओं से लगभग 50 करोड़ रुपये की वसूली करने का लक्ष्य दिया।
पाटिल ने बार-बार दावा किया है कि वह एक छापेमारी के बारे में जानकारी देने के लिए अन्य अधिकारियों के साथ देशमुख से मिले थे, लेकिन इसके बाद उनकी तत्कालीन गृह मंत्री से कभी मुलाकात नहीं हुई।
ऐसा माना जाता है कि पाटिल ने मुंबई पुलिस की आंतरिक जांच टीम को बताया है कि कार्यालय में उनकी वाजे से मुलाकात हुई जहां उसने उनको प्रत्येक बार से तीन लाख रुपये की वसूली संबंधी बात कही।
खबरों के अनुसार पाटिल ने यह भी दावा किया है कि वह वाजे और देशमुख के बीच किसी तरह की बैठक के बारे में नहीं जानते।
अधिकारियों ने मुंबई निवासी वकील जयश्री पाटिल से भी मुलाकात की जिनकी याचिका पर बंबई उच्च न्यायालय ने सीबीआई को प्रारंभिक जांच का आदेश दिया है।
सीबीआई ने देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की मंगलवार को प्रारंभिक जांच शुरू कर दी।
इसने जांच करने के लिए दिल्ली से अधिकारियों की टीम मुंबई भेजी है।
मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर एक वाहन में विस्फोटक सामग्री मिलने के और फिर कारोबारी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने मुंबई पुलिस की अपराध आसूना इकाई में तैनात एपीआई वाजे को गिरफ्तार किया था।
सीबीआई ने वाजे से पूछताछ करने के लिए विशेष अदालत से अनुमति ली थी।
एनआईए द्वारा वाजे को गिरफ्तार किए जाने के बाद मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से सिंह का तबादला कर दिया गया था।
सिंह ने पुलिस आयुक्त पद से अपने तबादले के बाद आरोप लगाया था कि देशमुख ने वाजे सहित पुलिस अधिकारियों से बार और रेस्तराओं से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था।
उन्होंने देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
अदालत ने इस मामले में अधिवक्ता जयश्री पाटिल की याचिका पर गत सोमवार को सीबीआई को आरोपों की प्रारंभिक जांच का आदेश दिया था।
इसने प्रारंभिक जांच के लिए सीबीआई को 15 दिन का समय दिया है।
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