इस्लामाबाद, 14 जनवरी : जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि आठ फरवरी को होने वाले आम चुनाव के लिए उनकी पार्टी के उम्मीदवारों का चयन बेहद ‘कम जानकारी’ के आधार पर किया गया और वह उनके बीच टिकट वितरण से काफी हद तक अनजान थे. ‘डॉन’ अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार, खान ने शनिवार को तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में अदालती कार्यवाही में भाग लेने के बाद ये टिप्पणी की. अदालती कार्यवाही शुरू होने से पहले, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के लगभग दो दर्जन कार्यकर्ताओं और विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों के नेताओं ने 71 वर्षीय खान से पार्टी की ओर से टिकट नहीं दिये जाने की शिकायत की. अखबार में कहा गया, “उन्होंने उन्हें बताया कि टिकट उन्हें प्राप्त थोड़ी सी जानकारी के आधार पर दिए गए और वह उनके टिकट वितरण से वह अनजान थे.
उन्होंने उन्हें समझाया कि पार्टी नेताओं के साथ एक संक्षिप्त चर्चा में 850 टिकटों के वितरण के बारे में त्वरित निर्णय लेना उनके लिए संभव नहीं था.’’ खान ने एक बार फिर अपने प्रतिद्वंद्वी नवाज शरीफ पर ‘पसंद के अंपायरों के साथ’ मैच खेलने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि धन शोधन करने वाला एक प्रमाणित व्यक्ति ‘लंदन योजना’ के तहत पाकिस्तान लौट आया और उसे सुरक्षित रास्ता दे दिया गया क्योंकि अदालतें कथित तौर पर उनके विरोधियों के प्रति उदार दिखीं. एक सवाल के जवाब में कि क्या वह कुछ हलकों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं, पूर्व प्रधानमंत्री ने जवाब दिया कि उन्हें 18 महीने पहले बातचीत का विकल्प दिया गया था, लेकिन उन्हें कोई अंदाजा नहीं था कि ‘किसके साथ’ और ‘किस लिए’ बातचीत करनी है. इमरान ने कहा कि चर्चा के लिए केवल एक ही मुद्दा बचा है जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव आयोजित करने का है. यह भी पढ़ें : भारतीय सैनिकों की वापसी को लेकर भारत और मालदीव में आधिकारिक वार्ता शुरू : रिपोर्ट
उन्होंने उच्चतम न्यायालय के दो वरिष्ठ न्यायाधीशों के इस्तीफे पर चिंता जताई. इमरान को लगता है कि पीटीआई के चुनाव चिह्न ‘बल्ला’ के खिलाफ किए जा रहे सभी प्रयासों का उद्देश्य चुनाव से पहले पार्टी को कमजोर करना है, लेकिन चाहे कुछ भी हो जाए, पार्टी आखिरी गेंद तक लड़ेगी. खान की टिप्पणी शनिवार को उच्चतम न्यायालय के उस फैसले से पहले आई है, जिसमें पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अंतर-पार्टी चुनावों को अमान्य घोषित कर दिया गया और पार्टी को उसके चुनाव चिह्न ‘बल्ला’ से वंचित कर दिया गया. इस फैसले ने पीटीआई को यह घोषणा करने के लिए मजबूर होना पड़ा कि उसके उम्मीदवार ‘स्वतंत्र उम्मीदवार’ के रूप में चुनाव लड़ेंगे. इस बीच, शनिवार को तोशाखाना मामले की कार्यवाही के दौरान जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश मोहम्मद बशीर ने चार गवाहों के बयान दर्ज किए. अब तक आठ गवाहों ने अदालत के समक्ष गवाही दी है. इस मामले में आगे की कार्यवाही 15 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई है.