अगरतला, 23 सितंबर त्रिपुरा में मुख्य विपक्षी दल टिपरा मोथा ने ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ राज्य की मांग के ‘शीघ्र संवैधानिक समाधान’ के लिए दबाव बनाने के उद्देश्य से 30 सितंबर को राज्य के आदिवासी इलाकों में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है।
‘ग्रेटर टिपरालैंड’ की मांग पर अड़े टिपरा मोथा को इस साल राज्य विधानसभा चुनाव में 13 सीटें मिली थीं। पार्टी ने 42 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे।
टिपरा मोथा प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने शनिवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘समस्याओं के शीघ्र समाधान के लिए, केंद्र को संदेश भेजने और संवैधानिक अधिकारों के वास्ते यह टिपरासा लोगों के आंदोलन की शुरुआत है।’’
देबबर्मा ने कहा कि बंद का आयोजन त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) के क्षेत्रों में किया जाएगा। उन्होंने टिपरासा के लोगों से इसमें शामिल होने की अपील की।
टिपरा मोथा के नियंत्रण वाले टीटीएएडीसी का आदिवासी क्षेत्रों पर शासन है, जिसमें राज्य का लगभग 70 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र शामिल है और लगभग 30 प्रतिशत आबादी रहती है।
उन्होंने कहा, ‘त्रिपुरा एक छोटा राज्य है... केंद्र को कई चीजें देखनी पड़ती हैं। हम अपने समुदाय को बचाने और उसके अस्तित्व के लिए केंद्र से शीघ्र समाधान चाहते हैं।’
यह पूछे जाने पर कि क्या टिपरा मोथा ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ के बजाय केंद्र के किसी अन्य प्रस्ताव को स्वीकार करेगी, देबबर्मा ने कहा, ‘‘केंद्र को आधिकारिक तौर पर एक प्रस्ताव लाने दें, हम पार्टी नेताओं के बीच परामर्श के बाद निर्णय करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि केंद्र स्वदेशी लोगों के हितों के खिलाफ नहीं है। अगर बोडो और दिमासा लोगों को संवैधानिक गारंटी मिल सकती है, तो टिपरासा को क्यों वंचित किया जाएगा।’’
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