जरुरी जानकारी | आयातित कोयले की ऊंची लागत की भरपाई के लिए गणना-पद्धति तैयार

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. बिजली मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि वितरण कंपनियों के साथ बिजली आपूर्ति समझौता करने वाले कोयला-आधारित संयंत्रों के लिए आयातित कोयले की ऊंची लागत के समायोजन के लिए एक गणना-पद्धति तैयार की गई है।

एजेंसी न्यूज Bhasha|
जरुरी जानकारी | आयातित कोयले की ऊंची लागत की भरपाई के लिए गणना-पद्धति तैयार

नयी दिल्ली, 27 मई बिजली मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि वितरण कंपनियों के साथ बिजली आपूर्ति समझौता करने वाले कोयला-आधारित संयंत्रों के लिए आयातित कोयले की ऊंची लागत के समायोजन के लिए एक गणना-पद्धति तैयार की गई है।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कोयले की किल्लत की वजह से बिजली उत्पादन पर पड़ रहे असर को दूर करने के लिए कोयला आयात करने वाले ताप-विद्युत संयंत्रों को राहत देने के लिए उनकी बिजली आपूर्ति की दरों में बदलाव की व्यवस्था की गई है।

इसमें कहा गया है कि बिजली अधिनियम की धारा 63 के तहत दरें तय कर चुके घरेलू संयंत्रों को कोयले के आयात पर बढ़ी हुई लागत का आनुपातिक हिस्सा बिजली खरीदने वाली कंपनी के साथ भी साझा होगा।

कोयला-आधारित बिजली उत्पादन संयंत्रों ने यह मांग उठाई थी कि कोयले के भाव बढ़ने से आयात लागत बढ़ गई है लिहाजा आयातित कोयले के अनिवार्य मिश्रण से पैदा हुई बिजली की दर पर उसके असर के आकलन का कोई समुचित तरीका अपनाया जाए।

बिजली मंत्रालय ने कहा कि इस मांग पर गहन विश्लेषण के बाद केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के साथ परामर्श में एक गणना-पद्धति को अंतिम रूप दिया गया है। गत 20 मई को हितधारकों के साथ हुई एक बैठक में चर्चा के बाद इस पद्धति को अंतिम रूप दिया गया।

मंत्रालय ने मौजूदा हालात में बिजली अधिनियम की धारा 11 का इस्तेमाल करते हुए यह निर्देश दिया है कि बिजली उत्पादक कंपनियां बिजली की दर इस गणना-पद्धति के आधार पर तय करेंगी और राज्य सरकारें एवं वितरण कंपनियां आयातित कोयला मिलाने से बढ़ी लागत की भरपाई की गणना करेंगी।

बिजली उत्पादन संयंत्रों के लिए बिल बनाने और भुगतान की यह व्यवस्था बिजली खरीद समझौते के अनुरूप होगी। लेकिन पर्याप्त नकदी रखने वाली बिजली उत्पादक कंपनियों को साप्ताहिक आधार पर अस्थायी बिल तैयार करना होगा।

अगर साप्ताहिक बिल के 15 फीसदी हिस्से का भुगतान नहीं होता है तो बिजली उत्पादक कंपनियां 15 फीसदी बिजली को बिजली बाजार के जरिये बेचने के लिए आजाद होंगी।

नए दिशानिर्देश ताप-विद्युत संयंत्रों में सम्मिश्रण के लिए 31 मार्च, 2023 तक आयात किए जाने वाले कोयले के लिए लागू होंगे।

देश के बड़े इलाके में भीषण गर्मी के दौरान बिजली की मांग काफी बढ़ गई है। लेकिन ताप-विद्युत संयंत्रों के पास जरूरी कोयला उपलब्ध नहीं होने से समुचित उत्पादन नहीं हो पा रहा है। ऐसी स्थिति में मंत्रालय ने निर्देश दिया हुआ है कि विदेश से कोयला आयात कर घरेलू कोयले के साथ मिश्रण कर उनका इस्तेमाल किया जाए।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड स

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जरुरी जानकारी | आयातित कोयले की ऊंची लागत की भरपाई के लिए गणना-पद्धति तैयार

नयी दिल्ली, 27 मई बिजली मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि वितरण कंपनियों के साथ बिजली आपूर्ति समझौता करने वाले कोयला-आधारित संयंत्रों के लिए आयातित कोयले की ऊंची लागत के समायोजन के लिए एक गणना-पद्धति तैयार की गई है।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कोयले की किल्लत की वजह से बिजली उत्पादन पर पड़ रहे असर को दूर करने के लिए कोयला आयात करने वाले ताप-विद्युत संयंत्रों को राहत देने के लिए उनकी बिजली आपूर्ति की दरों में बदलाव की व्यवस्था की गई है।

इसमें कहा गया है कि बिजली अधिनियम की धारा 63 के तहत दरें तय कर चुके घरेलू संयंत्रों को कोयले के आयात पर बढ़ी हुई लागत का आनुपातिक हिस्सा बिजली खरीदने वाली कंपनी के साथ भी साझा होगा।

कोयला-आधारित बिजली उत्पादन संयंत्रों ने यह मांग उठाई थी कि कोयले के भाव बढ़ने से आयात लागत बढ़ गई है लिहाजा आयातित कोयले के अनिवार्य मिश्रण से पैदा हुई बिजली की दर पर उसके असर के आकलन का कोई समुचित तरीका अपनाया जाए।

बिजली मंत्रालय ने कहा कि इस मांग पर गहन विश्लेषण के बाद केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के साथ परामर्श में एक गणना-पद्धति को अंतिम रूप दिया गया है। गत 20 मई को हितधारकों के साथ हुई एक बैठक में चर्चा के बाद इस पद्धति को अंतिम रूप दिया गया।

मंत्रालय ने मौजूदा हालात में बिजली अधिनियम की धारा 11 का इस्तेमाल करते हुए यह निर्देश दिया है कि बिजली उत्पादक कंपनियां बिजली की दर इस गणना-पद्धति के आधार पर तय करेंगी और राज्य सरकारें एवं वितरण कंपनियां आयातित कोयला मिलाने से बढ़ी लागत की भरपाई की गणना करेंगी।

बिजली उत्पादन संयंत्रों के लिए बिल बनाने और भुगतान की यह व्यवस्था बिजली खरीद समझौते के अनुरूप होगी। लेकिन पर्याप्त नकदी रखने वाली बिजली उत्पादक कंपनियों को साप्ताहिक आधार पर अस्थायी बिल तैयार करना होगा।

अगर साप्ताहिक बिल के 15 फीसदी हिस्से का भुगतान नहीं होता है तो बिजली उत्पादक कंपनियां 15 फीसदी बिजली को बिजली बाजार के जरिये बेचने के लिए आजाद होंगी।

नए दिशानिर्देश ताप-विद्युत संयंत्रों में सम्मिश्रण के लिए 31 मार्च, 2023 तक आयात किए जाने वाले कोयले के लिए लागू होंगे।

देश के बड़े इलाके में भीषण गर्मी के दौरान बिजली की मांग काफी बढ़ गई है। लेकिन ताप-विद्युत संयंत्रों के पास जरूरी कोयला उपलब्ध नहीं होने से समुचित उत्पादन नहीं हो पा रहा है। ऐसी स्थिति में मंत्रालय ने निर्देश दिया हुआ है कि विदेश से कोयला आयात कर घरेलू कोयले के साथ मिश्रण कर उनका इस्तेमाल किया जाए।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

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