नयी दिल्ली, 15 मार्च भू-राजनीतिक संकट और वित्तीय बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच बजट में पूंजी व्यय पर जोर से वृद्धि को समर्थन मिलेगा। वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
मंत्रालय की मासिक आर्थिक समीक्षा के अनुसार वास्तविक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह आर्थिक वृद्धि की मजबूत रफ्तार को बताता है। इसका कारण तेजी से टीकाकरण और उदार मौद्रिक नीति रुख तथा राजकोषीय समर्थन है।
इसमें कहा गया है, ‘‘हाल की भू-राजनीतिक गतिविधियों ने नये वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता पैदा की हैं।’’
‘‘भू-राजनीतिक संकट अभी भी जारी है और नई-नई चीजें उभर रही हैं। ऐसे में इसका भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर का फिलहाल अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी।’’
समीक्षा में कहा गया है, ‘‘हालांकि, बजट में पूंजी व्यय पर जोर और सूझबूझ वाली मान्यताओं के साथ मजबूत वृहत आर्थिक बुनियाद वृद्धि को समर्थन देंगे।
इसके अनुसार, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के जीडीपी को लेकर 28 फरवरी को जारी दूसरे अग्रिम अनुमान में भारतीय अर्थव्यवस्था के पूर्ण रूप से पटरी पर आने की पुष्टि की गयी है। इसके अनुसार, वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 2021-22 में महामारी-पूर्व वर्ष 2019-20 को पार कर जाएगी।
समीक्षा में कहा गया है कि भारत जिंसों की बढ़ती कीमतों के प्रभाव से निपटने को लेकर बेहतर तरीके से तैयार है। विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड उच्चस्तर पर बना हुआ है और 12 महीने से अधिक के आयात के वित्तपोषण के लिए पर्याप्त है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)