लंदन, 21 अक्टूबर गुरुग्राम की रहने वाली पुरस्कार विजेता कलाकार संगीता सिंह ने सोमवार को यहां लंदन में अपनी प्रदर्शनी लगाई।
इस प्रदर्शनी में पहचान, प्रवास और आत्म-खोज जैसे विषयों की झलक देखने को मिलती है।
‘रिफ्लेक्टिव मेम्वायर्स’ नाम की यह प्रदर्शनी सिर्फ कागजी कलाकारी का ही नहीं बल्कि ‘ऐक्रेलिक’ और ‘ऑइल पेंटिंग’ का अनूठा नमूना है, जो आतिथ्य, दोस्ती और एकजुटता जैसे भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को दर्शाता है।
संगीता की प्रदर्शनी में उनकी ‘टी साइड सीरीज’ भी शामिल है, जिसमें चाय के प्यालों को गर्मजोशी, बंधन, प्यार और एकजुटता के प्रतीक के रूप में दिखाया गया है।
संगीता ने कहा, “भारत में चाय सिर्फ चाय नहीं, बल्कि अपने दिन की शुरुआत करने का सबसे बढ़िया तरीका है। यह आपके जीवन का एक अभिन्न अंग है।”
उन्होंने कहा, “एक कड़क मसाला चाय को पीते-पीते आप हल्की-फुल्की बातों से लेकर राजनीति के गहन विषयों पर चर्चा कर सकते हैं। असल बात तो यह है कि चाय सिर्फ एक पेय पदार्थ नहीं, बल्कि भारत के ताने-बाने नें बसी हुई और अब यह मेरे काम में भी झलकती है।”
यह प्रदर्शनी लंदन में भारतीय उच्चायोग की सांस्कृतिक शाखा नेहरू सेंटर में 25 अक्टूबर तक दिखाई जाएगी।
संगीता ने कहा, “मेरी तस्वीरों में प्रवास, आंदोलन और एकांत जैसे विषय शामिल हैं। इन अनुभवों को मैंने बहुत करीब से देखा है। मैंने अपनी कला में इन्हें शामिल करने की कोशिश की है और मुझे उम्मीद है कि लंदन के दर्शकों को पसंद आएगी।”
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