ब्रिक्स उभरते बाजारों और विकासशील देशों के बीच सहयोग का प्रतिनिधित्व करता है: चीन

चीन ने बुधवार को कहा कि ब्रिक्स उभरते बाजारों और विकासशील देशों के बीच सहयोग का एक 'मॉडल' है और यह संयुक्त राष्ट्र केंद्रित अंतरराष्ट्रीय प्रणाली और बहुपक्षवाद का समर्थन करता है.

चीन का झंडा (Photo Credits: PTI)

बीजिंग:  चीन (China) ने बुधवार को कहा कि ब्रिक्स उभरते बाजारों और विकासशील देशों के बीच सहयोग का एक 'मॉडल' है और यह संयुक्त राष्ट्र केंद्रित अंतरराष्ट्रीय प्रणाली और बहुपक्षवाद का समर्थन करता है. विदेश मंत्री एस जयशंकर की अध्यक्षता में ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों की ऑनलाइन बैठक के एक दिन बाद चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने पत्रकार सम्मेलन में कहा कि बैठक में कोविड-19, बहुपक्षवाद और ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की गई और इन मुद्दों पर व्यापक सहमति बनी. ब्रिक्स पांच देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका का एक समूह है.

वर्ष 2021 के लिए ब्रिक्स का अध्यक्ष होने के नाते भारत ने इस बैठक की मेजबानी की थी जिसमें चीन के विदेश मंत्री वांग यी, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, दक्षिण अफ्रीका के अंतरराष्ट्रीय संबंध मंत्री ग्रेस नालेदी मंडिसा पांडोर और ब्राजील के विदेश मंत्री कार्लोस अल्बर्टो फ्रांको ने हिस्सा लिया एवं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसकी अध्यक्षता की थी. प्रवक्ता ने कहा कि वांग यी ने बैठक में कहा कि ‘‘ब्रिक्स उभरते बाजारों और विकासशील देशों के बीच सहयोग का प्रतिनिधित्व करता है. यह भी पढ़े: अगर चीन विकासशील देश होकर फायदा उठाता है तो अमेरिका को भी विकासशील बना दो : ट्रम्प

वांग ने कहा, ‘‘एक सदी में बड़े बदलावों और एक वैश्विक महामारी के सामने, ब्रिक्स को लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करने, अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने, वैश्विक विकास और विश्व शांति में योगदान करने के लिए काम करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘ब्रिक्स को वैश्विक एकजुटता को बढ़ावा देने और आम चुनौतियों के लिए वैश्विक प्रतिक्रिया को मजबूती प्रदान करने में अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘‘हम ब्रिक्स भागीदारों के साथ करीबी सहयोग में काम करने के लिए तैयार हैं.

बहुपक्षीय प्रणाली को मजबूत करने और सुधार के संबंध में संयुक्त बयान पर एक सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने कहा, ‘‘बहुपक्षवाद मौजूदा अंतरराष्ट्रीय प्रणाली की एक महत्वपूर्ण आधारशिला है. प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह बयान पांच ब्रिक्स देशों के प्रयासों का परिणाम है और अधिकांश देशों की साझा आकांक्षा को दर्शाता है। इस पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आम सहमति बननी चाहिए.

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