देश की खबरें | बीपीएससी परीक्षा विवाद : पटना पुलिस ने खान सर की गिरफ्तारी की अफवाहों का खंडन किया

पटना, सात दिसंबर बिहार पुलिस ने लोकप्रिय शिक्षक और यूट्यूबर खान सर की गिरफ्तारी के बारे में सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों का खंडन किया है।

पुलिस ने शनिवार को इन अफवाहों का खंडन करते हुए कहा कि खान सर राजधानी पटना में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) कार्यालय के निकट अवैध प्रदर्शन को लेकर हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए अपनी इच्छा से पुलिस थाने आए थे।

सचिवालय-एक की अनुमंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) अनु कुमारी ने कहा, "पुलिस ने खान सर की गिरफ्तारी के बारे में गलत सूचना फैलाने के लिए सोशल मीडिया हैंडल-'खान ग्लोबल स्टडीज' के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह बेबुनियाद आरोप हैं...खान सर को गिरफ्तार नहीं किया गया है। सोशल मीडिया हैंडल से जुड़े लोग आज सुबह से ही विभिन्न पोस्ट के माध्यम से खान सर की रिहाई की मांग कर रहे हैं।"

पुलिस ने शनिवार को स्पष्ट किया कि खान सर शुक्रवार शाम को धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों से मिलने के बाद गर्दनी बाग थाने आए थे।

एसडीपीओ ने कहा, " खान सर को बार-बार थाने से जाने के लिए कहा गया। इस पर उन्होंने गर्दनीबाग थाने से अनुरोध किया कि उन्हें पुलिस वाहन में अटल पथ के पास उनके वाहन तक छोड़ दिया जाए। अनुरोध के अनुसार, उन्हें पुलिस वाहन में अटल पथ के पास छोड़ दिया गया, जहां उनकी अपनी कार खड़ी थी। उन्हें न तो हिरासत में लिया गया और न ही गिरफ्तार किया गया।"

खान सर ने शुक्रवार को पटना में आंदोलनकारी बीपीएससी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज के बाद उनका खुलकर समर्थन किया। वह अभ्यर्थियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए पटना के गर्दनीबाग इलाके में धरना स्थल पर पहुंचे थे।

पटना में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के कार्यालय के पास प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों के एक बड़े समूह को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने शुक्रवार को हल्का लाठीचार्ज किया।

ये अभ्यर्थी 13 दिसंबर को होने वाली बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा के नियमों में "परिवर्तन" को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, बीपीएससी ने परीक्षा की प्रक्रिया में किसी भी तरह के बदलाव से इनकार किया है।

बाद में पुलिस ने बीपीएससी कार्यालय के पास बेली रोड पर यातायात अवरुद्ध करने का प्रयास करने वाले आंदोलनकारी छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया और प्रतिबंधित क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की कोशिश करने के लिए छात्र नेता दिलीप कुमार को गिरफ्तार कर लिया।

प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोप लगाया कि लाठीचार्ज के दौरान दो या तीन अभ्यर्थी घायल हो गए।

अधिकारियों ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा, "किसी भी प्रदर्शनकारी को कोई चोट नहीं आई। पुलिस के अवरोधक तोड़ने की कोशिश करने वालों को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया।"

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