रायपुर, 15 नवंबर छत्तीसगढ़ के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए पूर्व विधायक और पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रह्मानंद नेताम को अपना उम्मीदवार बनाया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष और भानुप्रतापपुर के विधायक मनोज सिंह मंडावी के निधन से रिक्त हुई इस सीट के लिए पांच दिसंबर को मतदान होगा।
साव ने बताया, “भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा की केंद्रीय समिति ने पूर्व विधायक ब्रह्मानंद नेताम के नाम पर स्वीकृति दी है। वह भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए हमारे प्रत्याशी होंगे।”
उन्होंने कहा, “भाजपा पूरी गंभीरता से भानुप्रतापपुर उपचुनाव लड़ेगी और पार्टी को निश्चित रूप से क्षेत्र की जनता का आशीर्वाद प्राप्त होगा। हमारे प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम उपचुनाव में भारी मतों से जीत दर्ज करेंगे।”
कांकेर जिले के तहत आना वाला भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। 49 वर्षीय नेताम 2008 से 2013 तक इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वह वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं।
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा के प्रत्याशी देवलाल दुग्गा कांग्रेस के मंडावी से 26,693 वोटों से हार गए थे।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने बताया कि इस उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 नवंबर है। वहीं, 18 नवंबर को नामांकन पत्रों की समीक्षा की जाएगी और 21 नवंबर तक उम्मीदवारी वापस ली जा सकेगी।
अधिकारियों ने बताया कि इस सीट के लिए पांच दिसंबर को मतदान होगा और आठ दिसंबर को मतों की गिनती की जाएगी।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष और सत्ताधारी दल कांग्रेस से भानुप्रतापपुर क्षेत्र के विधायक मनोज सिंह मंडावी का 16 अक्टूबर को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। वह 58 वर्ष के थे। मंडावी पहली बार 1998 में अविभाजित मध्य प्रदेश में इस सीट के लिए विधायक चुने गए थे।
मंडावी क्षेत्र के कद्दावर आदिवासी नेता माने जाते थे। वह वर्ष 2013 और 2018 के चुनाव में भी भानुप्रतापपुर क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। उन्होंने 2000 से 2003 के बीच राज्य की अजीत जोगी नीत कांग्रेस सरकार के दौरान गृह और जेल राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया था।
कांग्रेस ने अभी तक इस सीट के लिए अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है। हालांकि, पार्टी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस मंडावी परिवार के सदस्य को ही अपना प्रत्याशी घोषित कर सकती है।
राज्य में वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद चार उपचुनाव हो चुके हैं और सभी में कांग्रेस की जीत हुई है।
वर्तमान में 90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेस के 70, भाजपा के 14, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के तीन और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के दो विधायक हैं। वहीं, एक सीट रिक्त है।
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