लखनऊ, 28 मई समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के लोग समाजवाद समझ नहीं पा रहे हैं और अगली बार जब वह सदन में आएंगे तो उनके लिए एक किताब जरूर लाऐंगे।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी अपने कुकृत्यों के कारण बदनाम हो चुकी है और इसमें कोई संदेह नहीं कि यह पार्टी रसातल की ओर जाएगी।
विधानसभा के बाहर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बातचीत में भाजपा पर निशाना साधा। उनसे पत्रकारों ने पूछा कि भाजपा को असली समाजवाद शिवपाल जी (अखिलेश के चाचा शिवपाल सिंह यादव) में दिखता है, तो इस सवाल के जवाब में अखिलेश ने कहा, ''इसीलिए कहता हूं कि लोकतंत्र, समाजवाद और धर्मनिरपेक्षवाद भाजपा के लोगों को दोबारा पढ़ना चाहिए और मैं अगली बार जब सदन में आऊंगा तो जो लोग समाजवाद नहीं समझ पा रहे हैं, उनके लिए एक किताब जरूर लाऊंगा।''
यादव ने आरोप लगाया, ‘'यह सरकार आंकड़ों से खेल रही है, आंकड़ों से विकास नहीं होता है, जमीन पर चीजें होती हैं तब विकास होता है।'’
अखिलेश यादव के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पत्रकारों से कहा, ''समाजवादी पार्टी अपने कुकृत्यों के कारण पूरे प्रदेश में बदनाम हो चुकी है। सभी लोग उसे समझ चुके हैं और इनके (समाजवादियों के) पास कोई नीति और एजेंडा नहीं है।''
पाठक ने कहा, ‘‘ये (सपा वाले) बुरी तरह फ्लॉप साबित हुए हैं। अभी कुछ दिन पहले ही उप्र में चुनाव था और अब लोकसभा चुनाव भी आएगा, देखिएगा ये लोग रसातल की तरफ जाएंगे।''
उन्होंने कहा कि इन्हें जनता ने नकार दिया है और उत्तर प्रदेश तेजी से आगे की ओर बढ़ने वाला है। उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश अर्थव्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में देश का नंबर एक राज्य बनेगा।
गौरतलब है कि विधानसभा सत्र के पांचवें दिन शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव को लक्ष्य करते हुए कहा था, ‘‘आप (खुद को) कितना भी समाजवादी बोल लें, लेकिन समाजवाद को आपने एक मृगतृष्णा बना दिया है और मुझे लगता है जब समाजवाद की बात होती थी तो डॉक्टर लोहिया की चर्चा होती थी, जयप्रकाश नारायण की चर्चा होती थी, संघर्षशील नेताओं की चर्चा होती है।’’
नेता सदन ने शिवपाल सिंह यादव की सराहना करते हुए कहा, ‘‘आजकल कभी—कभी डॉक्टर लोहिया पर शिवपाल जी की लेखनी देखता हूं। उनका लेख देखने को मिलता है। आपको सही मायने में लोहिया जी को पढ़ना चाहिए।’’
राज्यपाल के अभिभाषण पर शुक्रवार को विधानसभा में चर्चा के दौरान अखिलेश यादव ने योगी का जवाब देते हुए कहा, ‘‘नेता सदन ने लंबा भाषण दिया, लेकिन जो संशोधन मैंने अपने भाषण में कहा, उसे अभी तक छुआ नहीं गया।''
यादव ने कहा, ''इस दौरान नेता सदन ने हमारे चाचा (शिवपाल सिंह यादव) की बहुत चिंता की। अभी तक तो (शिवपाल सिंह यादव) मेरे चाचा थे, लेकिन अब तो नेता सदन भी उन्हें चाचा बोल रहे हैं।''
आनन्द
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