जम्मू, 26 दिसंबर भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा जम्मू-कश्मीर के पूर्व उप मुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता ने रविवार को कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के इस बयान के लिये उनपर निशाना साधा कि महाराजाओं का निरंकुश शासन जम्मू-कश्मीर के मौजूदा शासन से ''बहुत बेहतर'' था।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने साल में दो बार होने वाली 'दरबार मूव' की पारंपरिक प्रथा को खत्म कर दिया, जिसके बाद भाजपा पर निशाना साधते हुए आजाद ने यह बयान दिया था।
दरबार मूव के तहत साल के गर्मी के छह महीने सिविल सचिवालय और अन्य कार्यालय श्रीनगर से जबकि शेष छह महीने जम्मू से संचालित होते थे। 1872 में महाराजा गुलाब सिंह ने इसकी शुरुआत की थी।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 20 जून को इस प्रथा को खत्म करने की घोषणा की थी।
भाजपा नेता ने आजाद के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए इतिहास के पन्नों को पलटने और यह देखने के लिए कहा कि कैसे महाराजा हरि सिंह को "उनकी कांग्रेस पार्टी ने निर्वासित करके अपमानित किया।"
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहलाल नेहरू को जम्मू-कश्मीर में "आतंकवाद और अलगाववाद की समस्या" के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए गुप्ता ने कहा, "आज जब सरकार ने जम्मू-कश्मीर के अलगाव और राष्ट्र के विघटन की तमाम कोशिशों को नाकाम कर दिया है, तो आजाद इस ओर आंखें मूंद रहे हैं। सच्चाई यह है कि वह भाजपा और केंद्र सरकार का विरोध करने के लिये ऐसा कर रहे हैं।''
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