नयी दिल्ली, 17 अगस्त भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ‘‘देश की बदली सोच’’ नाम से सोशल मीडिया पर एक अभियान की शुरुआत की है, जिसमें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से कांग्रेस शासनकाल के दौरान पूर्ववर्ती प्रधानमंत्रियों द्वारा दिए गए भाषणों की तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों से की गई है और उन्हें बेहतर दर्शाने की कोशिश की गई है।
भाजपा ने इस अभियान के तहत मंगलवार रात अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर प्रधानमंत्री मोदी और पूर्व प्रधानमंत्रियों मनमोहन सिंह, राजीव गांधी, इंदिरा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के भाषणों के अंश और उनसे जुड़े कई ग्राफिक्स साझा किए।
ऐसे ही एक ट्वीट में भाजपा ने आरोप लगाया कि 1962 में चीन के खिलाफ हुए युद्ध के बाद नेहरू ने जब 1963 में स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम संदेश दिया था तब उन्होंने इस जंग में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धंजलि नहीं दी थी जबकि मोदी ने लद्दाख में चीनी सेना के साथ संघर्ष में शहादत देने वाले सैनिकों को 2020 के स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में याद किया था।
पार्टी ने मनमोहन सिंह द्वारा 2008 और 2009 में दिए गए भाषणों के कुछ हिस्सों को साझा करते हुए आरोप लगाया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री ने ‘‘चुनिंदा आदर्शों को याद किया और एक परिवार का तुष्टिकरण’’ किया।
भाजपा ने इसकी तुलना मोदी के 2014 के भाषण से की, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश आज जिस मुकाम पर पहुंचा है उसमें सभी सरकारों के प्रमुखों का योगदान रहा है।
ऐसे ही एक ट्वीट में भाजपा ने इंदिरा गांधी के हवाले से दावा किया कि उन्होंने 1975 आपातकाल थोपे जाने को न्यायोचित ठहराते हुए इसे ‘‘कड़वी दवा’’ करार दिया था जबकि मोदी ने 2017 में राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में लोकतंत्र को भारत की ‘‘सबसे बड़ी ताकत’’ बताया था।
केंद्र की सत्ताधारी पार्टी ने पंचशील समझौते के बावजूद चीन द्वारा 1962 में भारत पर किए गए हमले का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस नेतृत्व ने कश्मीर और लद्दाख को लेकर जहां नरम रुख अख्तियार करने की नीति अपनाई, वहीं मोदी ने हमेशा इन मुद्दों पर सख्त रवैया अपनाया।
इस अभियान के जरिए भाजपा कांग्रेस के अग्रणी नेताओं को सोशल मीडिया पर निशाना बना रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को आजादी के 75 साल पूरा होने के मौके पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि देश ने इन 75 वर्षों में अनेक उपलब्धियां हासिल कीं, लेकिन आज की ‘आत्ममुग्ध सरकार’ स्वतंत्रता सेनानियों के महान बलिदानों और देश की गौरवशाली उपलब्धियों को तुच्छ साबित करने पर तुली हुई है।
इससे एक दिन पहले ही भाजपा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया था, जिसमें 1947 में देश के बंटवारे के बाद हुई घटनाओं की उसने अपने हिसाब से व्याख्या की थी और इसके लिए उस समय के कांग्रेस नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया था।
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