मुंबई, 18 अप्रैल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी देश में ‘‘सांप्रदायिक माहौल’’ बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
पवार का यह बयान कई राज्यों में रामनवमी और हनुमान जयंती पर शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा और महाराष्ट्र में मस्जिदों के ऊपर लाउडस्पीकर का मुद्दा उठाए जाने की पृष्ठभूमि में आया है।
उन्होंने कहा कि वहीं राज्य में शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार की घटक राकांपा लोगों के बीच सद्भाव का माहौल बनाने में सबसे आगे है।
पवार ने कई ट्वीट करके कहा कि सांप्रदायिक विचारधारा का प्रसार ‘‘चिंता का विषय’’ है। उन्होंने कहा कि राकांपा आम नागरिकों से संबंधित मुद्दों जैसे कि पेट्रोल, डीजल, गैस और खाद्य तेल की कीमतों में वृद्धि को उठाएगी। पवार ने मराठी में ट्वीट किया, ‘‘आज भाजपा और उसके सहयोगी देश में सांप्रदायिक स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। हम लोगों में जागरूकता पैदा करने, लोगों के बीच समानता का माहौल बनाने में शामिल हैं।’’
मध्य प्रदेश, गुजरात और झारखंड जैसे राज्यों में रामनवमी के दौरान हिंसा देखी गई, जबकि शनिवार को दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती पर शोभायात्रा के दौरान झड़पें हुईं, जिसमें नौ पुलिसकर्मी और एक स्थानीय नागरिक घायल हो गया।
महाराष्ट्र में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने ध्वनि प्रदूषण का हवाला देते हुए एमवीए सरकार को तीन मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए कहा है और मांग पूरी नहीं होने पर मस्जिदों के बाहर तेज आवाज में हनुमान चालीसा बजाने की धमकी दी है। भाजपा ने राज ठाकरे की मांग का समर्थन किया है।
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने बिना किसी का नाम लिए माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर यह भी कहा कि कई नेताओं ने भाजपा के विरोधी दलों को साथ लाने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें लिखित में इसकी जानकारी दी है।
पवार ने कहा, ‘‘ममता बनर्जी (महाराष्ट्र के) मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और मुझसे इस संबंध में पहल करने की उम्मीद कर रही हैं। हम अन्य नेताओं से बात करने के बाद अंतिम फैसला करेंगे। लेकिन अभी तक (ऐसी बैठक के लिए) कोई तारीख तय नहीं की गई है।’’
सोमवार को बेंगलुरु का दौरा करने वाले पवार ने कहा कि राकांपा राष्ट्रीय स्तर पर अपना संगठन बना रही है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक, जहां 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं, उन राज्यों में से एक है जहां पार्टी का आधार कमजोर है।
पवार ने कहा कि वह या उनकी पार्टी के सहयोगी भाजपा शासित दक्षिणी राज्य का दौरा अगले एक साल के दौरान करेंगे और वहां अपनी गतिविधियों और जनाधार का विस्तार करेंगे।
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