शनिवार को बाराबंकी में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने जन्मदिन पर केक काटा और कार्यकर्ताओं को खिलाकर सबको धन्यवाद दिया। वह एक कार्यक्रम में शामिल होने यहां आये थे।
बाद में पत्रकारों से बातचीत में पीडीए (पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक) को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि अगर यह भाजपा को शिगूफा लगता है तो वह इस बात का जवाब दे कि उनके मंत्रिमंडल में इनकी (पीडीए) संख्या कितनी है।
उन्होंने सवाल उठाया कि ''सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों में पीडीए की संख्या कितनी है, जो सरकारी भर्तियां हुई है भाजपा उसमें पीडीए की संख्या बताए।''
अखिलेश ने दावा किया कि जिस पीडीए को भाजपा नजरअंदाज कर रही है वही इस एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) को उड़ा देगी।
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पिछले माह कहा था कि आने वाले लोकसभा चुनाव में पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों (पीडीए) की एकता राजग-भाजपा पर भारी पड़ेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीट पर भाजपा को हराने का नारा देते हुए कहा, ‘‘हमारा नारा है 80 हराओ-भाजपा हटाओ। इसलिए 2024 में पीडीए- पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यकों की एकता राजग गठबंधन पर भारी पड़ेगी।’’
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव के इस बयान के अगले ही दिन 18 जून को कटाक्ष करते हुए ट्वीट में कहा, ''सपा 'बहादुर' श्री अखिलेश यादव के पीडीए का मतलब पिछड़ा वर्ग, दलित और अल्पसंख्यक नहीं है, बल्कि पी का मतलब 'परिवारवाद' (वंशवाद), डी का मतलब 'दंगाइयों का संग' (दंगाइयों की कंपनी) और ए का मतलब है ' 'अपराध करने वाले को संरक्षण'। यह उनका अतीत, वर्तमान और भविष्य है।'
यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए कहा कि ''सपाइयों ने इस बार तय किया है कि 80 हराओ और भाजपा को हटाओ।''
उप्र में लोकसभा की 80 सीटें हैं।
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