नयी दिल्ली, सात फरवरी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विपरीत परिस्थितियों में भी आगे बढ़ रहा है और राजनीति में शुचिता एवं ईमानदारी आ रही है, वहीं कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने ‘अडाणी समूह’ से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए सरकार पर उद्योगपतियों के लिए नियम बदलने, एजेंसियों का दुरुपयोग करने तथा भय का माहौल बनाने का आरोप लगाया।
संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्वारा दिए गए अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव रखते हुए और इसका समर्थन करते हुए भाजपा सदस्यों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार राजनीति से ऊपर राष्ट्रनीति को रखती है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विपरीत परिस्थितियां होने के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है।
वहीं, चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अडाणी समूह से जुड़े मामले का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि 2014 में मोदी के दिल्ली आने के बाद ऐसा ‘असली जादू’ हुआ कि आठ वर्षों के भीतर ही उद्योगपति गौतम अडाणी दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए।
धन्यवाद प्रस्ताव रखते हुए भाजपा सांसद चंद्रप्रकाश जोशी ने कहा कि कांग्रेस ने सिर्फ गरीबी मिटाने का वादा किया, लेकिन गरीबी मिटाने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘छप्पन इंच के सीने वाले प्रधानमंत्री हों और अमित शाह जैसे गृह मंत्री हों, वहां रक्त की एक बूंद बहाये बिना जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटा दिया गया....दुनिया ने युद्ध दिया, हमने दुनिया को बुद्ध दिया।’’
जोशी द्वारा रखे गये धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन करते हुए सत्तारूढ़ पार्टी के उदय प्रताप सिंह ने कहा कि देश का विकास सत्ताधारी पार्टी की नीयत और नीतियों पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद से आपराधिक पृष्ठभूमि के लोग राजनीति से बाहर होते जा रहे हैं।
सिंह ने कहा कि आज प्रधानमंत्री का सम्मोहन और आकर्षण और अधिक बढ़ गया है। सिंह ने कहा कि देश में नेताओं का सम्मान बढ़ा है क्योंकि भाजपा के लोग शुचिता और ईमानदारी के साथ काम कर रहे हैं। सिंह ने कहा कि 2014 के बाद से देश के नौजवानों में राजनीति के प्रति आकर्षण बढ़ा है और कई शिक्षित, पेशेवर युवा सांसद, जन प्रतिनिधि बन रहे हैं।
भाजपा सांसद ने कहा कि इसमें प्रधानमंत्री मोदी का सबसे बड़ा योगदान है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में ऐसे भारत की कल्पना प्रस्तुत की गयी है जो सही मायने में आजादी के बाद लोगों ने की थी। सिंह ने कहा कि आज अमेरिका, चीन और यूरोप के अनेक देश धीमी विकास दर से जूझ रहे हैं, ऐसे में जब पूरी दुनिया नीचे की ओर जा रही है, विपरीत परिस्थिति में भी भारत की अर्थव्यवस्था उन्नति की ओर अग्रसर है और उसे आशा की नजर से देखा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस उम्मीद का कारण देश में बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में की गयी प्रगति है तथा प्रधानमंत्री के संकल्प के साथ देश आगे बढ़ रहा है।
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चर्चा में भाग लेते हुए यह दावा भी किया कि मौजूदा सरकार के दौरान नियम बदलकर हवाई अड्डों के ठेके अडाणी समूह को दिए गए तथा प्रधानमंत्री के विदेश दौरों के बाद दूसरे देशों में भी इस उद्योगपति को कई व्यावसायिक ठेके मिले।
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से सवाल किया, ‘‘अडाणी जी आपके साथ कितनी बार विदेश गए? आपके विदेश जाने के बाद अडाणी जी कितनी बार वह देश गए? कितनी बार ऐसा हुआ कि किसी देश में आपके दौरे के बाद अडाणी को ठेका मिला? अडाणी जी ने पिछले 20 साल में भाजपा को कितना पैसा दिया? चुनावी बॉन्ड में कितना पैसा दिया?’’
सदन में राहुल गांधी के वक्तव्य के दौरान केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस नेता को लोकसभा में ‘तथ्यहीन आरोप’ नहीं लगाने चाहिए।
सत्तापक्ष के सदस्यों की टोका-टोकी के बीच कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री और देश की सरकार की मदद से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का हजारों करोड़ रुपये अडाणी जी को मिलता है।’’
उनका कहना था, ‘‘हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कहा गया है कि अडाणी जी की विदेश में सेल कंपनियां हैं। इन सेल कंपनियों से भारत में जो पैसा आ रहा है, वह किसका है?’’
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘यह पता लगाना देश की सरकार की जिम्मेदारी है कि ये सेल कंपनियां किसकी हैं और जो पैसा आ रहा है वह किसका है?’’
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि ‘अग्निपथ’ योजना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और गृह मंत्रालय द्वारा लाई गई है और इसे सेना पर थोपा गया है।
द्रविड़ मुनेत्र कषगम की सांसद कनिमोई ने चर्चा में भाग लेते हुए आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने असहमति, बहस और चर्चा करने की गुंजाइश ही खत्म कर दी है और वह केवल ‘डर का शासन’ चाहती है।
उन्होंने एक तमिल कवि की कविता पढ़ते हुए कहा, ‘‘अगर सरकार विपक्ष, जनता, प्रेस की बात नहीं सुनेगी तो बर्बादी के लिए उसे दुश्मनों की जरूरत नहीं होगी।’’
कनिमोई ने ‘फ्रीबीज़’ या मुफ्त की सौगातों पर केंद्र सरकार की आलोचनाओं का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘आप हमें लगातार अपमानित कर रहे हैं। आप कल्याणकारी राज्य और मुफ्त की रेवड़ी में अंतर ही नहीं कर सकते।’’
उन्होंने अपने गृह राज्य तमिलनाडु का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हमने साबित किया है कि हम सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के मॉडल बना सकते हैं। आप इसमें विफल रहे हैं क्योंकि आपने सुनना ही नहीं सीखा।’’
कनिमोई ने आरोप लगाया कि तमिलनाडु के राज्यपाल ने राज्य विधानसभा द्वारा पारित अनेक विधेयकों को रोक रखा है और पश्चिम बंगाल तथा केरल समेत अनेक गैर-भाजपा शासित राज्यों में सरकारों के साथ राज्यपाल का गतिरोध जारी है।
उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार राज्यपालों को राज्यों में भेजती है तभी उसे उन्हें डॉ भीमराव आंबेडकर के इस भाषण को पढ़ने की सलाह देनी चाहिए कि राज्यपालों के अपने कोई अधिकार नहीं हैं, वे मंत्रिपरिषद की सलाह से बंधे होते हैं।
कनिमोई ने संसद में कामकाज के दिन कम होने का आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ दिन बाद ऐसा न हो कि यहां केवल प्रतीकात्मक काम हो।
उन्होंने कहा कि देश में करोड़ों युवा बेरोजगार हैं लेकिन सरकार ने आंखें मूंद रखी है, लेकिन जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अडाणी का नाम लिया तो सत्तापक्ष ने जोरदार प्रतिक्रिया दी और उद्योगपति के प्रति समर्थन जताया।
कनिमोई ने कहा कि जब विपक्ष अडाणी की बात करता है तो कहा जाता है कि ‘‘हम देश के खिलाफ हैं।’’ उन्होंने कहा कि सरकार को इस बारे में अपना रुख साफ करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक पर भी सरकार का रुख साफ नहीं है।
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