अगरतला, 27 जून टिपरा मोथा के अध्यक्ष प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी को त्रिपुरा में होने वाले पंचायत चुनाव में अकेले लड़ने की तैयारी करनी चाहिए। राज्य में अगस्त में पंचायत चुनाव होने की संभावना है।
देबबर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘फेसबुक’ पर जारी पोस्ट में कहा, ‘‘टिपरा मोथा को अपनी ताकत और क्षमता के अनुरूप अकेले पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी करनी चाहिए। हम खुद को कुछ इलाकों तक सीमित नहीं रख सकते। अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी करें। अगर हम मजबूत हैं तो जनता हमारा समर्थन करेगी।’’
टिपरा मोथा के अध्यक्ष बिजॉय कुमार हरंगखॉल ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राज्य सरकार के प्रति असंतोष व्यक्त किया और उसके नकारात्मक रुख की आलोचना की।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम सरकार के साथ हैं, हमारी कुछ जिम्मेदारियां हैं जिन्हें पूरा करना है। अगर हम जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं कर पाते तो सरकार में बने रहने का कोई औचित्य नहीं है।’’
हंगरखॉल ने केंद्र, राज्य सरकार और टिपरा मोथा के बीच आदिवासी समुदायों के मुद्दों को हल करने के उद्देश्य से हुए त्रिपक्षीय समझौते के कार्यान्वयन की कमी पर भी निराशा व्यक्त की।
पिछले साल हुए 60 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में 13 सीट जीतकर टिपरा मोथा प्रमुख विपक्षी दल के रूप में उभरा। हालांकि, लोकसभा चुनाव से पहले मूल निवासियों से जुड़े मुद्दे के समाधान के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार से हुए समझौते के बाद वह भाजपा नीत गठबंधन में शामिल हो गया।
टिपरा मोथा सुप्रीमो के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा की राज्य इकाई के महासचिव अमित रक्षित ने कहा कि पार्टी को अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षाओं को व्यक्त करने का अधिकार है।
उन्होंने कहा, ‘‘राजनीति में कुछ भी संभव है। पंचायत चुनाव होने में अभी समय है। टिपरा मोथा ने लोकसभा चुनाव भाजपा के साथ लड़ा था। वे इस मुद्दे पर हमारे केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा कर सकते हैं।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)