देश की खबरें | मणिपुर में जातीय संघर्ष पर बीरेन सिंह का माफी मांगना काफी नहीं : भाकपा

इंफाल, दो जनवरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने दावा किया कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह का पूर्वोत्तर के राज्य में जातीय संघर्ष को लेकर माफी मांगना काफी नहीं है और पार्टी ने उनके इस्तीफे की मांग की।

वामपंथी पार्टी ने एक बयान में आरोप लगाया कि मणिपुर में संकट ‘‘शासन की पूर्ण विफलता’’ को उजागर करता है।

पार्टी ने दावा किया, ‘‘राज्य सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने, नागरिकों की सुरक्षा करने और न्याय सुनिश्चित करने में विफल रही है, जिससे चौतरफा नुकसान पहुंचा है और लोगों में असुरक्षा की भावना पैदा हुई है। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की माफी संकट की गंभीरता और राज्य में लोगों के मुद्दों एवं चुनौतियों का समाधान करने में राज्य सरकार की पूर्ण विफलता की स्वीकारोक्ति है।’’

वाम दल ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ‘‘समाधान की दिशा में सार्थक कदम उठाने में नाकाम’’ रही है।

पार्टी ने दावा किया, ‘‘समुदायों के बीच संवाद को बढ़ावा देने या जारी संकट से उत्पन्न गहरे सामाजिक जख्मों को भरने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं।’’

वामपंथी पार्टी ने बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार पर राजनीतिक दलों को विश्वास में लेने या व्यापक राजनीतिक समाधान खोजने के लिए राजनीतिक दलों को शामिल करने में ‘‘कोई दिलचस्पी नहीं’’ दिखाने का भी आरोप लगाया।

पार्टी ने कहा, ‘‘सिर्फ माफी मांग लेना काफी नहीं है, बीरेन सिंह को निश्चित रूप से इस्तीफा देना चाहिए।’’

बयान में कहा गया है, ‘‘भाकपा का दृढ़ विश्वास है कि मणिपुर के लोग जवाबदेह और सशक्त शासन के हकदार हैं, जिसमें मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह पूरी तरह विफल रहे हैं। प्रशासन में विश्वास बहाल करने और संकट के समाधान के वास्ते एक नए, जन-केंद्रित दृष्टिकोण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए उनका इस्तीफा जरूरी है।’’

सिंह ने मंगलवार को राज्य में जातीय संघर्ष के लिए माफी मांगी थी। इस हिंसा में 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग बेघर हुए हैं। उन्होंने सभी समुदायों से पिछली गलतियों को भूलने और एक दूसरे को माफ कर, नए सिरे से शुरुआत करने की अपील की थी।

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