भोपाल, पांच जनवरी मध्यप्रदेश के इंदौर में कौवों में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद मंदसौर और आगर मालवा जिलों के कौवों के नमूनों में भी एच5एन8 संक्रमण पाया गया है।
इनके अलावा, प्रदेश के सात अन्य जिलों में मरे कौवों के नमूनों को जांच के लिये भेजा गया है।
मध्यप्रदेश के 52 जिलों में से 10 जिलों में 23 दिसम्बर से अब तक कौवों की मौत का आंकड़ा लगभग 400 पहुंच गया है।
हालांकि, प्रदेश सरकार का कहना है कि मुर्गा और अंडे खाने से मानव स्वास्थ्य को खतरा नहीं है।
मध्यप्रदेश में हो रही कौवों की मृत्यु पर प्रभावी नियंत्रण लगाने के लिये प्रदेश सरकार ने सोमवार को बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट जारी किया था।
मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग की मंगलवार रात को जारी विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘प्रदेश के इंदौर, मंदसौर और आगर मालवा जिलों में कौवों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है।’’
इन तीन जिलों के अलावा, उज्जैन, सीहोर, देवास, गुना, शाजापुर, खरगोन और नीमच जिलों में भी कौवों की मृत्यु होने पर नमूने एकत्र करके रोकथाम की कार्यवाही की गई है। इन जिलों से नमूने भारतीय उच्च सुरक्षा रोग अनुसंधान प्रयोगशाला, भोपाल भेजे गए हैं और परिणाम का इंतजार है।
विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘प्रदेश में अब तक लगभग 400 कौवों की मृत्यु की सूचना मिली है।’’
इसमें कहा गया, ‘‘मध्यप्रदेश पशुपालन विभाग के अनुसार मुर्गियों में बर्ड फ्लू वायरस एच5एन8 अभी तक नहीं पाया गया है। चिकन तथा अण्डों आदि को अच्छी तरह पकाकर उपयोग किया जा सकता है। इनसे मानव स्वास्थ्य को किसी प्रकार का खतरा नहीं है।’’
पशुपालन विभाग द्वारा बर्ड फ्लू वाले जिलों में जिलाधिकारियों के मार्गदर्शन में पशुपालन, वन, स्वास्थ्य विभाग एवं स्थानीय निकायों के समन्वित प्रयासों से तत्काल रोग नियंत्रण, सैम्पल नमूना एकत्रीकरण समेत संक्रमणरोधी कार्यवाही की गई है। सभी जिलों को भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्यवाही करने और सतर्कता बरतने के निर्देश दिये गये हैं।
राज्य पशु रोग अनुसंधान प्रयोगशाला भोपाल के माध्यम से जिलों से समन्वय कर तकनीकी मार्गदर्शन दिया जा रहा है। संदिग्ध नमूने भोपाल स्थित भारतीय उच्च सुरक्षा रोग अनुसंधान प्रयोगशाला को नियमित भेजे जा रहे हैं।
पशुपालन विभाग द्वारा जन-जागरूकता के लिये कुक्कुट-पालकों और संबंधित कारोबारियों को बर्ड फ्लू से बचाव के लिये आवश्यक जानकारी दी जा रही है।
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