देश की खबरें | ‘विदेशी तबलीगी सदस्यों के खिलाफ मुकदमों के स्थानांतरण के लिये उच्च न्यायालय जाये बिहार सरकार’
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को बिहार सरकार को निर्देश दिया कि वीजा नियमों के उल्लंघन के आरोपी तबलीगी जमात के 13 विदेशी सदस्यों के मुकदमों के स्थानांतरण के लिये एक सप्ताह के भीतर पटना उच्च न्यायालय में आवेदन करे ताकि इन मामलों का तेजी से निस्तारण किया जा सके।
नयी दिल्ली, एक सितंबर उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को बिहार सरकार को निर्देश दिया कि वीजा नियमों के उल्लंघन के आरोपी तबलीगी जमात के 13 विदेशी सदस्यों के मुकदमों के स्थानांतरण के लिये एक सप्ताह के भीतर पटना उच्च न्यायालय में आवेदन करे ताकि इन मामलों का तेजी से निस्तारण किया जा सके।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से तबलीगी जमात के 13 विदेशी सदस्यों के मामलों पर विचार किया। पीठ ने राज्य सरकार से कहा कि वह इस संबंध में शीघ्र कदम उठाये ताकि मुकदमों का स्थानांतरण के बाद यथासंभव आठ सप्ताह के भीतर निस्तारण हो सके।
पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हमारी राय में अभियोजन को तत्काल इस तरह की राहत के लिये उच्च न्यायालय में आवेदन करना चाहिए जो निश्चित ही दिल्ली में इसी तरह के मामलों में हमारे छह अगस्त के आदेश को ध्यान में रखते हुये उचित विचार करेगा। उच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार के आवेदन को स्वीकार किये जाने के बाद निचली अदालत संबंधित आपराधिक मामलों का यथासंभव आठ सप्ताह में निस्तारण करने का प्रयास करेगा।
इन तबलीगी सदस्यों के खिलाफ अररिया जिले में मामले दायर किये गये थे और अब इन्हें उचित आवेदन दायर किये जाने पर उच्च न्यायालय पटना की अदालत में स्थानांतरित करेगा।
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शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर राज्य सरकार एक सप्ताह के भीतर उच्च न्यायालय में आवेदन दायर करने में विफल रहती है तो आवेदनकर्ता (तबलीगी सदस्य) अकेले या संयुक्त रूप से पटना उच्च न्यायालय में औपचारिक तरीके से आवेदन कर सकते हैं।
पीठ ने अपनी रजिस्ट्री से कहा कि इस आदेश की एक प्रति पटना उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को सूचनार्थ और आवश्यक कार्रवाई के लिये भेजी जाये।
इससे पहले, शीर्ष अदालत ने इन विदेशी तबलीगी सदस्यों की याचिका पर बिहार सरकार से जवाब मांगा था। ये चाहते थे कि उनके मामले राज्य में एक ही अदालत को सौंप दिये जायें।
अनूप
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