बाइडन के इस कदम से उन सैनिकों को क्षमा मिली है, जिन्हें 'यूनिफॉर्म कोड ऑफ मिलिट्री जस्टिस' के पूर्व अनुच्छेद 125 के तहत दोषी ठहराया गया था, जिसमें समलैंगिकता को अपराध माना जाता था। हालांकि अब इस कानून को निरस्त कर दिया गया है।
अमेरिकी सेना में यह कानून 1951 में क्रियान्वित किया गया, साल 2013 में इसमें दोबारा संशोधन किया गया और इसमें केवल बलपूर्वक कृत्य पर रोक लगाई गई।
अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा इन सैन्यकर्मियों को माफ किए जाने से अब वे यह सबूत पाने की अर्जी दाखिल कर सकेंगे कि उनकी दोषसिद्धि समाप्त कर दी गई है साथ ही वे वेतन तथा अन्य लाभ पाने के लिए भी आवेदन कर सकेंगे।
बाइडन ने एक बयान में कहा, ‘‘आज मैं अपने क्षमादान अधिकार का उपयोग करके कई पूर्व सैन्यकर्मियों को क्षमा करके एक ऐतिहासिक गलती को सुधार रहा हूं, जिन्हें केवल इसलिए दोषी ठहराया गया कि वे ऐसे हैं।’’
उन्होंने कहा, ''हमारे सभी सैनिकों के प्रति हमारा समान दायित्व है, इसमें हमारे एलजीबीटीक्यू समुदाय से आने वाले सैनिक भी शामिल हैं, जिन्हें किसी भी खतरे से निपटने के लिए उचित प्रशिक्षण दिया जाता है और जब तक वे घर वापस लौटते हैं तो उनकी और उनके परिवारों की देखभाल की जाती है। आज हम उस दिशा में प्रगति कर रहे हैं।''
'मॉर्डन मिलिट्री' ने कहा कि यह निर्णय "न्याय और समानता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम" है। साथ ही उन्होंने सेना से भी जल्द क्षमा को मंजूरी देने का आह्वान किया।
यह ‘एलजीबीटीक्यू प्लस’ सेवा सदस्यों और उनके परिवारों का सबसे बड़ा संगठन है।
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