विदेश की खबरें | बाइडन ने रूसी ऊर्जा क्षेत्र पर नए प्रतिबंध लगाए
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

यह घोषणा ऐसे समय आई जब नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप संबंधित युद्ध को जल्द समाप्त करने का संकल्प लेते हुए फिर से राष्ट्रपति पद संभालने को तैयार हैं।

निवर्तमान डेमोक्रेटिक प्रशासन ने नए प्रतिबंधों को रूस की अर्थव्यवस्था के आधार माने जाने वाले तेल और तरलीकृत प्राकृतिक गैस क्षेत्रों के विरुद्ध अब तक का सबसे महत्वपूर्ण प्रतिबंध बताया है।

अधिकारियों ने कहा कि इन प्रतिबंधों के तहत रूस के साथ व्यापार करने वाली संस्थाओं को दंडित किया जाएगा, जिससे रूसी अर्थव्यवस्था को प्रति माह अरबों डॉलर से अधिक का नुकसान हो सकता है।

नए प्रतिबंधों के निशाने पर 180 से अधिक तेल वाहक जहाज, व्यापारी, तेल क्षेत्र सेवा कंपनियां और रूसी ऊर्जा अधिकारी भी हैं।

वित्त विभाग के अनुसार, जिन जहाजों को निशाना बनाया गया है उनमें से कई पर प्रतिबंधित ईरानी तेल ले जाने का भी संदेह है।

ब्रिटिश अधिकारियों ने भी रूस के ऊर्जा क्षेत्र के खिलाफ पूरक प्रतिबंधों की घोषणा की। दोनों देश रूस के दो प्रमुख तेल उत्पादकों-गज़प्रोम नेफ्ट और सर्गुटनेफ्टेगास तथा दर्जनों कंपनियों की सहायक कंपनियों को निशाना बना रहे हैं।

वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने एक बयान में कहा, ‘‘अमेरिका यूक्रेन के खिलाफ अपने क्रूर और अवैध युद्ध को वित्तपोषित करने के लिए रूस के राजस्व के प्रमुख स्रोत के खिलाफ व्यापक कार्रवाई कर रहा है।’’

बाइडन प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि अंततः यह ट्रंप प्रशासन पर निर्भर करेगा कि वह नए प्रतिबंधों को जारी रखेगा या खत्म कर देगा।

ट्रंप की टीम ने प्रतिबंधों के बारे में टिप्पणी के अनुरोध पर तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। हालांकि, ट्रंप ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ‘‘मुलाकात करना चाहते हैं, और हम इसकी व्यवस्था कर रहे हैं’’।

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