बीई के कोविड टीके कोरबेवैक्स को अलग बूस्टर खुराक के तौर पर डीसीजीआई की मंजूरी मिली
कॉर्बेवैक्स वैक्सीन (Photo Credits: Twitter)

हैदराबाद, 4 जून : बायोलॉजिक ई. लिमिटेड ने अपने कोविड-19 टीके कोरबेवैक्स (Vaccine Corbevax) को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से एक अलग बूस्टर खुराक के तौर पर मंजूरी मिलने की शनिवार को घोषणा की. टीका निर्माता द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति को कोवैक्सीन या कोविशील्ड की प्राथमिक खुराक (दोनों खुराक) लगने के छह महीने बाद कोरबेवैक्स की बूस्टर खुराक दी जा सकती है. इसमें कहा गया है कि बीई का कोरबेवैक्स भारत में ऐसा पहला टीका है जिसे देश में एक अलग बूस्टर खुराक के तौर पर मंजूरी दी जाएगी.

हाल में बीई ने अपने क्लिनिकल परीक्षण के आंकड़े डीसीजीआई को सौंपे हैं, जिसने एक विस्तृत मूल्यांकन और विषय विशेषज्ञ समिति के साथ चर्चा के बाद टीकाकरण करा चुके लोगों को बूस्टर खुराक के तौर पर कोरबेवैक्स लगाने की मंजूरी दी है. बीई के क्लिनिकल आंकड़ों से प्रदर्शित होता है कि इसका कोरबेवैक्स बूस्टर खुराक प्रतिरक्षा प्रतिक्रया को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाता है और शानदार सुरक्षा देता है. यह भी पढ़ें :महाराष्ट्र में युवती के रिश्तेदार और दोस्तों ने की प्रेमी की हत्या

बायोलॉजिक ई. लिमिटेड की प्रबंध निदेशक महिमा दातला ने कहा, ‘‘हम इस मंजूरी से बहुत खुश हैं, जो भारत में कोविड-19 बूस्टर खुराक की जरूरत को पूरा करेगा. हमने अपने कोविड-19 टीकाकरण के सफर में एक और उपलब्धि हासिल की है. यह मंजूरी कोरबेवैक्स के विश्वस्तरीय सुरक्षा मानदंड और उच्च प्रतिरक्षा क्षमता को एक बार फिर प्रदर्शित करता है. ’’ कोरबेवैक्स को पूरी तरह से बीई लिमिटेड ने टेक्सास चिल्ड्रेंस हॉस्पिटल और बेयलर कॉलेज ऑफ मेडिसीन के सहयोग से बनाया है. बीई ने केंद्र सरकार को टीके की अब तक 10 करोड़ खुराक की आपूर्ति की है.