
खड़गपुर, 21 मार्च भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद दिलीप घोष का गुस्सा पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में एक सड़क के उद्घाटन के दौरान प्रर्दशन कर रही महिलाओं पर फूट पड़ा।
प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं और भाजपा नेता दिलीप घोष के बीच तीखी नोकझोंक हुई और धमकियां तथा विवादास्पद टिप्पणियां की गईं।
इस घटना के बाद तृणमूल कांग्रेस ने घोष की व्यापक आलोचना की।
यह घटना वार्ड नंबर छह में हुई जहां घोष एक नवनिर्मित कंक्रीट सड़क का उद्घाटन करने पहुंचे थे।
घोष के आगमन पर महिलाओं के एक समूह ने उन्हें घेर लिया और सवाल करने लगीं कि जब वह सांसद थे, तब वे उनके इलाके में क्यों नहीं आए।
महिलाओं ने पूछा, " अब तक आप कहां थे? जब आप सांसद थे, तो हमने आपको कभी नहीं देखा। अब, हमारे पार्षद (प्रदीप सरकार) ने सड़क बनवा दी है तो आप यहां आए हैं?"
घोष ने दावा किया कि प्रदर्शनकारी महिलाएं तृणमूल कांग्रेस समर्थक थीं।
भाजपा की प्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष घोष ने आक्रामक तरीके से उन्हें जवाब देते हुए कहा, "मैंने इसके (सड़क) लिए पैसे दिए हैं, यह आपके पिता का पैसा नहीं है! जाकर प्रदीप सरकार (स्थानीय तृणमूल पार्षद) से इसके बारे में पूछिए!"
एक महिला ने पलटकर कहा, "हमारे पिता को बीच में क्यों ला रहे हो? आप तो सांसद थे!"
इस पर घोष ने जवाब दिया, "मैं आपकी चौदह पीढ़ियों का नाम लूंगा!"
तनाव बढ़ने पर घोष ने प्रदर्शनकारियों को धमकाते हुए कहा, "इस तरह चिल्लाओ मत, मैं तुम्हारा गला घोंट दूंगा। मैंने सांसद के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान अपनी सांसद निधि से इसके लिए पैसे दिए हैं।"
स्थिति जल्द ही नियंत्रण से बाहर हो गई और घोष के सुरक्षाकर्मियों ने भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर हस्तक्षेप करने की कोशिश की।
खड़गपुर टाउन थाने की पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंची।
महिलाओं द्वारा घोष की कार को घेरने के बाद विरोध प्रदर्शन और तेज हो गया, जिसमें कई महिलाएं कार के सामने आती दिखीं, जिसके बाद घोष को प्रदर्शन के बीच इलाके से जाना पड़ा।
वार्ड नंबर 6 के तृणमूल कांग्रेस पार्षद और खड़गपुर के पूर्व विधायक प्रदीप सरकार ने इस घटना पर घोष की निंदा की।
उन्होंने कहा, "वह अब सांसद नहीं हैं, तो वह सड़क का उद्घाटन करने क्यों गए? नगरपालिका ने सड़क का काम पूरा किया है। वह वहां गए और अपना आपा खो बैठे, महिलाओं के पिता का नाम लेकर उनका अपमान किया!"
सरकार ने कहा, "मैं वहां नहीं था, लेकिन उन्होंने मेरे पिता का भी अपमान किया। उन्होंने महिलाओं को 500 रुपये वाली कर्मचारी कहा। उन्हें माफी मांगनी चाहिए। अन्यथा, वे खड़गपुर में जहां भी जाएंगे, वहां विरोध प्रदर्शन होंगे। मैं उनकी टिप्पणी की निंदा करता हूं। एक पूर्व सांसद के लिए ऐसी अशोभनीय है।"
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)