नयी दिल्ली, एक जून भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनना होगा, क्योंकि देश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए यह एक प्रमुख बुनियादी जरूरत है। विशेषज्ञों ने यह राय जताई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आगे चलकर विशेषरूप से कोविड-19 महामारी के बाद वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में आपूर्तिकर्ताओं की विश्वसनीयता काफी महत्वपूर्ण होगी।
भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) के निदेशक मनोज पंत ने मंगलवार को ‘क्या आयात स्थानापन्न ने भारत के लिए उपयोगी रहा- आगे की चुनौतियां और रास्ते’ विषय पर एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आज कोई भी देश खुद उत्पाद नहीं बनाता। आपको किसी आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनना होता है। यदि आप आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा नहीं हैं, तो किसी भी चीज का निर्यात करना लगभग असंभव है।’’
वेबिनार का आयोजन भारतीय व्यापार संवर्द्धन परिषद (टीपीसीआई) ने किया था।
इसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नोएडा एसईजेड के विकास आयुक्त बिपिन मेनन ने कहा कि भारत को भिन्न आपूर्ति श्रृंखलाओं का हिस्सा बनना होगा। किसी एक आपूर्ति श्रृंखला पर निर्भर रहने से मदद नहीं मिलने वाली।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें सभी आपूर्ति श्रृंखलाओं का हिस्सा बनना होगा। आपको विभिन्न मूल्य श्रृंखलाओं से जुड़ना होगा।’’
मेनन ने कहा कि भारत को वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं से करार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विश्वसनीय खिलाड़ियों के साथ इस दिशा में जुड़ने का प्रयास कर रहा है।
अजय
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