जरुरी जानकारी | देश में घरेलू कोयले की उपलब्धता में बाधा, आयात से शेष जरूरत पूरी की जाए : सरकार

नयी दिल्ली, 15 मई कोयला मंत्रालय ने कहा है कि देश में घरेलू स्तर पर कोयले की उपलब्धता में बाधा आ रही है। ऐसे में कोयले की शेष मांग को आयात के जरिये पूरा करने की जरूरत है।

मंत्रालय ने इस बात पर भी जोर दिया है कि कोयला ब्लॉक धारकों... कैप्टिव (खुद के इस्तेमाल) और वाणिज्यिक... दोनों को कोयले के संकट को कम करने में भूमिका निभानी होगी।

कोयला मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के अनुसार, घरेलू कोयला उत्पादन 80 करोड़ टन है। वह बिजली क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति के अनुबंधों से संबंधित अंतर-मंत्रालयी समिति के प्रमुख भी हैं।

अंतर मंत्रालयी समिति की हाल में बैठक हुई थी जिसमें केंद्र/राज्यों के बिजली संयंत्रों को कोयला आपूर्ति से संबंधित अनुबंधों पर विचार किया गया था। इसके अलावा बिजली संयंत्रों को मौजूदा कोयला आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा भी की गई।

अतिरिक्त कोयला सचिव ने कहा कि घरेलू कोयले की उपलब्धता में ‘बाधाएं’ हैं। घरेलू कोयला उत्पादन लगभग 80 करोड़ टन है।

बैठक के ब्योरे के अनुसार, अतिरिक्त सचिव ने कहा, ‘‘घरेलू स्तर पर कोयले की उपलब्धता में अड़चनों के चलते शेष मांग को आयात के जरिये पूरा किया जाना चाहिए।’’

इससे पहले कोयला सचिव ए के जैन ने कहा था कि बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी की कई वजहें हैं। इसके लिए कोविड-19 के बाद अर्थव्यवस्था में उछाल के कारण बिजली की मांग बढ़ना, गर्मियां जल्दी पड़ना, आयातित कोयले और गैस की कीमतों में वृद्धि और तटीय ताप बिजली संयंत्रों के उत्पादन में भारी गिरावट जैसे कारक जिम्मेदार हैं।

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