नयी दिल्ली, 12 अगस्त बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) ऋण और जमा वृद्धि के मामले में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पहले स्थान पर रहा।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रकाशित तिमाही आंकड़ों के अनुसार, पुणे के बैंक का चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान सकल कर्ज 27.10 प्रतिशत बढ़कर 1,40,561 करोड़ रुपये हो गया।
इसके बाद इंडियन ओवरसीज बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा का स्थान रहा। इन दोनों बैंकों के ऋण में आलोच्य तिमाही के दौरान क्रमश : 16.43 प्रतिशत और 15.73 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) कर्ज के मामले में 13.66 प्रतिशत की वृद्धि के साथ चौथे स्थान पर है। हालांकि, एसबीआई ने कुल 24,50,821 करोड़ रुपये का ऋण दिया, जो बैंक ऑफ महाराष्ट्र की तुलना में लगभग 17 गुना अधिक है।
वहीं, बैंक ऑफ महाराष्ट की जमा राशि 2022-23 की पहली तिमाही में 12.35 प्रतिशत बढ़कर 1,95,909 करोड़ रुपये हो गई।
आंकड़ों के अनुसार, जमा के मामले में 9.42 प्रतिशत की वृद्धि (9,92,517 करोड़ रुपये) के साथ यूनियन बैंक ऑफ इंडिया दूसरे स्थान पर और 8.51 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बैंक ऑफ बड़ौदा तीसरे स्थान पर है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों प्रकाशित तिमाही वित्तीय आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, बीओएम और एसबीआई का सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) और शुद्ध एनपीए सबसे कम है।
संचयी रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों का लाभ जून 2022 को समाप्त तिमाही में 15,306 करोड़ रुपये रहा। सालाना आधार पर यह 9.2 प्रतिशत अधिक है।
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