प्रयागराज, 17 जुलाई : इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने अलीगढ़ के जमालपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बतौर एएनएम कार्यरत निहा खान की अग्रिम जमानत अर्जी शुक्रवार को खारिज कर दी. निहा खान पर कोविड के टीके से भरे 29 सिरींज कथित तौर पर कूड़ेदान में फेंकने का आरोप है. न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने निहा खान द्वारा दाखिल अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि उसके सहकर्मियों द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए उसे झूठा फंसाया गया है. ये सिरींज कूड़ेदान में पाए गए थे और उसके सहकर्मियों ने निजी दुश्मनी की वजह से उसे फर्जी तरीके से फंसाया है.
उल्लेखनीय है कि जिला स्वास्थ्य अधिकारियों के संज्ञान में यह कथित घटना आने के बाद 30 मई, 2021 को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी और इस मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया था. कमेटी ने निहा खान को टीका बर्बाद करने और अनुशासनहीनता का दोषी पाया. टीकाकरण प्रभारी अरफीन जेहरा के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया क्योंकि इस कथित घटना की जानकारी होने के बावजूद उन्होंने इस संबंध में उच्च अधिकारियों को सूचित नहीं किया था. यह भी पढ़े : COVID-19: भारत में COVID-19 के 38,079 नए केस, 560 की मौत
प्राथमिकी के अनुसार, कूड़ेदान में टीके से भरे जो 29 सिरींज मिले थे, वे सभी लोगों के आधार कार्ड (यूआईडीएआई) से जुड़े थे. अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल और अपर शासकीय अधिवक्ता एके सैंड ने राज्य सरकार की ओर से अग्रिम जमानत की अर्जी का इस आधार पर विरोध किया कि यह घटना कोई गलती या लापरवाही नहीं थी, बल्कि सिरींज को जानबूझकर कूड़ेदान में फेंका गया था. अदालत ने संबद्ध पक्षों की दलीलें सुनने के बाद निहा खान की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी.