दुबई, 18 फरवरी भारत का अभियान शनिवार को यहां बैडमिंटन एशियाई मिश्रित टीम चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में चीन से 2-3 की पराजय से समाप्त हुआ लेकिन देश कांस्य पदक जीतने में सफल रहा. इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट में यह भारत का पहला पदक है। सेमीफाइनल में हारने वाली दोनों टीमों को कांस्य पदक मिलता है. भारत की युगल टीमों ने प्रेरणादायी प्रदर्शन कर अपने प्रतिद्वंद्वियों को कड़ी चुनौती देकर जीत हासिल की. यह भी पढ़ें: अक्षर पटेल ने कहा, टीम पर दबाव था, हमने सोचा कि हम लीड के कितने करीब जा सकते हैं
एच एस प्रणय को शुरूआती पुरूष एकल मैच में महज 45 मिनट में लेई लान जि से 13-21, 15-21 से और दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू को महिला एकल मैच में एक घंटे 10 मिनट में गाओ फांग जि से हार का सामना करना पड़ा. इससे भारतीय टीम 0-2 से पीछे थी.
पर युगल टीमों ने बेहतरीन प्रदर्शन कर स्कोर 2-2 से बराबर कर दिया.
ध्रुव कपिला और चिराग शेट्टी की पुरूष युगल जोड़ी ने फिर जिन टिंग और झोऊ हाओ डोंग को 21-19,21-19 से मात दी. तृषा जॉली और गायत्री गोपीचंद की महिला युगल जोड़ी ने लियू शेंग शु और टान निंग की जोड़ी को 21-18 13-21 21-19 से हराकर स्कोर 2-2 किया.
फिर सभी की निगाहें ईशान भटनागर और तनीषा क्रास्टो की मिश्रित युगल जोड़ी पर लगी थीं लेकिन जियांग झेन बांग और वेई या जिन निर्णायक मैच में कहीं मजबूत साबित हुए और उन्होंने इसे महज 34 मिनट में 21-17 21-13 से जीत लिया. भारत ने शुक्रवार को पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए हांगकांग को 3-2 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर महाद्वीपीय टूर्नामेंट में पहला पदक सुनिश्चित किया था.
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