महाविद्यालयों में फैकल्टी की उपलब्धता एवं शिक्षा की गुणवता सरकार की प्राथमिकता: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में महाविद्यालयों की संख्या दोगुनी हो गई है और उनमें बुनियादी सुविधाएं विकसित करना, संकाय सदस्यों की उपलब्धता एवं शिक्षा की गुणवता सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है.
जयपुर, 7 मई : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि प्रदेश में महाविद्यालयों की संख्या दोगुनी हो गई है और उनमें बुनियादी सुविधाएं विकसित करना, संकाय सदस्यों की उपलब्धता एवं शिक्षा की गुणवता सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 211 नए राजकीय महाविद्यालय खोले गए हैं और वर्तमान वित्त वर्ष में खोले गए 88 महाविद्यालयों में से 60 कन्या महाविद्यालय हैं. सरकार द्वारा 49 राजकीय महाविद्यालयों को स्नातक से स्नातकोत्तर में क्रमोन्नयन का निर्णय भी लिया गया है, जिनमें से 24 के क्रमोन्नयन के आदेश जारी हो चुके हैं.
गहलोत ने शुक्रवार को उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के अधिकतर उपखण्ड मुख्यालयों में महाविद्यालय खोले जा चुके हैं और शेष उपखण्ड मुख्यालयों में भी चरणबद्ध रूप से महाविद्यालय खोले जाएंगे. उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नए महाविद्यालय खोलने के साथ-साथ सहायक आचार्यों की भर्ती के लिए भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया, ‘‘सहायक आचार्य के 918 रिक्त पदों को भरने हेतु राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर द्वारा विषयवार परिणाम जारी करना प्रारंभ कर दिया गया है. राजकीय महाविद्यालयों में 1000 पदों पर भर्ती के लिए वित्त विभाग द्वारा सहमति दे दी गई है तथा सभी औपचारिकताओं को पूर्ण कर जून, 2022 तक राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा भर्ती की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी.’’ यह भी पढ़ें :प्रधानमंत्री मोदी से ‘NEET PG 2022’ परीक्षा स्थगित करने का अनुरोध
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि तबादलों में विधवा, परित्यक्ता, एकल नारी, दिव्यांगजन एवं गंभीर बीमारी से ग्रसित को यथासंभव प्राथमिकता दी जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है और प्रदेश में बालिकाओं एवं महिलाओं को आगे बढ़ने के समान अवसर प्रदान करने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है. गहलोत ने कहा कि इस साल 25 राजकीय कन्या महाविद्यालयों में तथा 50 राजकीय महाविद्यालयों में नवीन विषय/संकाय खोले जाएंगे. उन्होंने कहा कि ऎसी किशोरियां व महिलाएं जो किसी कारण से नियमित रूप से महाविद्यालय और विश्वविद्यालय नहीं जा सकती हैं, उन्हें उच्च शिक्षा से जोड़ने के लिए बालिका दूरस्थ शिक्षा योजना लाई जा रही है.