सतुपल्ली (तेलंगाना), एक नवंबर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) अध्यक्ष के.चंद्रशेखर राव ने बुधवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीति राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की एलआईसी सहित सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण करने की बकवास नीति है।
सतुपल्ली में आयोजित चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री राव (जिन्हें केसीआर के नाम से भी जाना जाता है) ने कहा कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे उत्तर भारत के राज्यों में और यहां तक प्रधानमंत्री मोदी के गृह राज्य (गुजरात) में दलितों पर हमले सहित उनकी दयनीय स्थिति को देख कर उनकी सरकार ने तेलंगाना में ‘दलित बंधु’ योजना बनाई।
केसीआर ने विश्वास जताया कि ‘‘चाहे कुछ भी हो’30 नवंबर के विधानसभा चुनाव के बाद बीआरएस सत्ता में आएगी। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वे कल्याणकारी योजनाओं को खत्म कर देगी।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए, तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता कृषि के बारे में नहीं जानते हैं और केवल किसी अन्य का लिखा हुआ भाषण पढ़ते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘केंद्र में निजीकरण की बकवास नीति है। हर चीज का निजीकरण किया जा रहा है। वह एलआईसी भी बेच रहे हैं। रेलवे का भी निजीकरण किया गया है। हवाई अड्डों का भी निजीकरण किया गया है। उसी बकवास नीति के तहत अब बिजली क्षेत्र का भी निजीकरण करना चाहते हैं लेकिन तेलंगाना में हम इसे सरकार के अधीन रखे हुए हैं।’’
उन्होंने आगे कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार कृषि पंपिंग सेट पर मीटर लगाना चाहती है जबकि बीआरएस सरकार ने प्रति वर्ष 5,000 करोड़ रुपये के नुकसान के बावजूद इसकी अनुमति नहीं दी है।
तेलंगाना में शुरू ‘दलित बंधु’ योजना के तहत समुदाय के व्यक्ति को कोई कारोबार शुरू करने के लिए सरकार 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करती है। योजना का संदर्भ देते हुए केसीआर ने कहा कि अब भी उत्तर भारत के कुछ राज्यों और गुजरात में दलितों के खिलाफ हमले हो रहे हैं, जिसने उनकी सरकार को अनुसूचित जाति के लोगों को मदद प्रदान करने के लिए योजना लागू करने को प्रेरित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर भारत में अब भी आए दिन दलितों पर हमले होते रहते हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात में दलितों पर हमले हो रहे हैं। महिलाओं के साथ बलात्कार हो रहा है। यह कैसी दुर्दशा है? क्या हम एक लोकतांत्रिक देश हैं...?’’
उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल दलितों को वोट बैंक मानते थे और जब वे सत्ता में थे तो उन्होंने उनके लिए कुछ नहीं किया।
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