कोलकाता, 14 सितंबर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार जारी गतिरोध के बीच शनिवार को अचानक जूनियर चिकित्सकों के धरनास्थल पर पहुंचीं और उन्हें उनकी मांगों पर गौर करने तथा दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया।
साल्ट लेक में स्वास्थ्य भवन के बाहर प्रदर्शनकारी चिकित्सकों को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि वह उनके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाएंगी क्योंकि वह लोकतांत्रिक आंदोलन को दबाने में विश्वास नहीं रखतीं।
उन्होंने कहा, “बंगाल उत्तर प्रदेश नहीं है।”
हालांकि, मुख्यमंत्री के जाने के बाद आंदोलनकारी चिकित्सकों ने कहा कि वे बातचीत होने तक अपनी मांगों को लेकर समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं।
इससे यह संकेत मिलता है कि गतिरोध जल्द खत्म होने वाला नहीं है।
बनर्जी पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार के साथ अचानक अपराह्न करीब एक बजे सेक्टर 5 स्थित धरनास्थल पर पहुंचीं।
उन्होंने कहा कि चिकित्सक बारिश के बीच सड़क पर धरना दे रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें रातों को नींद नहीं आ रही है।
बनर्जी ने कहा, ‘‘मैं आपसे मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं, बल्कि आपकी ‘दीदी’ के तौर पर मिलने आई हूं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं आपको आश्वासन देती हूं कि आपकी मांगों पर गौर करूंगी और अगर कोई दोषी पाया गया तो कार्रवाई करूंगी।’’
उन्होंने धरने पर बैठे चिकित्सकों से काम पर लौटने का आग्रह किया।
बनर्जी ने यह घोषणा भी की कि सभी सरकारी अस्पतालों की रोगी कल्याण समितियों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘संकट को सुलझाने का यह मेरा आखिरी प्रयास है।’’
मंगलवार से ही चिकित्सक राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय स्वास्थ्य भवन के बाहर डेरा डाले हुए हैं। उनकी मांगों में सरकारी अस्पतालों में बेहतर सुरक्षा व्यवस्था कायम करना और आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में शीर्ष अधिकारियों को हटाना शामिल है।
जूनियर चिकित्सक एक महीने से ज़्यादा समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे राज्य की सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रभावित हो रही है। सरकार ने दावा किया है कि विरोध प्रदर्शन के कारण कथित तौर पर इलाज न होने से 29 लोगों की मौत हो गई है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)