नयी दिल्ली, तीन मार्च सरकार सितंबर में समाप्त होने वाले इस विपणन वर्ष में चीनी निर्यात के मौजूदा 60 लाख टन कोटा को बढ़ाने के किसी प्रस्ताव पर फिलहाल विचार नहीं कर रही है। केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने यह जानकारी दी।
खाद्य मंत्रालय ने चालू विपणन वर्ष 2022-23 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए 60 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दी है।
विपणन वर्ष 2021-22 में देश ने लगभग 110 लाख टन चीनी का निर्यात किया था, जो अब तक का सर्वाधिक निर्यात है।
चोपड़ा ने एक कार्यक्रम के मौके पर बृहस्पतिवार देर शाम को कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि चीनी उत्पादन पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग 9 लाख टन कम हो रहा है। इसलिए इसे ध्यान में रखते हुए, निर्यात कोटा बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।’’
यह पूछे जाने पर कि मंत्रालय को चीनी के आगे के निर्यात पर निर्णय लेने से पहले इस महीने घरेलू उत्पादन का आकलन करना है, उन्होंने कहा, ‘‘उत्पादन के आंकड़े नीचे आ गए हैं। हमें पहले बफर स्टॉक की आवश्यकता को देखना होगा। और एक बार यह काम पूरा हो जाए, तभी हम आगे के बारे में सोच सकते हैं।’’
पिछले महीने खाद्य सचिव ने कहा था कि कुछ उत्पादक राज्यों में खराब मौसम की वजह से विपणन वर्ष 2022-23 में चीनी उत्पादन कम रहने का अनुमान है।
हाल ही में, भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने कहा कि चीनी उत्पादन चालू विपणन वर्ष में पांच प्रतिशत घटकर 340 लाख टन रहने का अनुमान है क्योंकि एथनॉल के उत्पादन के लिए गन्ने शीरे की अधिक मात्रा का उपयोग किया जा रहा है।
विपणन वर्ष 2021-22 में चीनी का उत्पादन 358 लाख टन रहा।
एथनॉल उत्पादन को लेकर 45 लाख टन चीनी शीरे का उपयोग किये जाने की संभावना है।
महाराष्ट्र में वास्तविक चीनी उत्पादन वर्ष 2022-23 में पिछले वर्ष के 137 लाख टन से घटकर 121 लाख टन रहने का अनुमान है।
उत्तर प्रदेश में 102 लाख टन से 101 लाख टन की मामूली गिरावट देखी जाएगी, जबकि कर्नाटक में उत्पादन 60 लाख टन से कम होकर 56 लाख टन रह सकता है।
इस्मा ने बताया है कि चालू विपणन वर्ष 2022-23 के अक्टूबर से 15 फरवरी के बीच देश का चीनी उत्पादन तीन प्रतिशत बढ़कर 228.4 लाख टन हो गया है।
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