गुवाहाटी, 29 अगस्त असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बृहस्पतिवार को विपक्ष पर निशाना साधते हुए दावा किया कि उनमें ‘‘मूलत: राज्य के निवासी हिंदू विधायकों’’ को विधानसभा में अपनी बात नहीं रखने देने की प्रवृत्ति विकसित हो गई है।
असम भूमि एवं राजस्व विनियमन (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2024 पर चर्चा के दौरान, शर्मा ने अपनी पार्टी के विधायक भुवन पेगू के भाषण को बाधित करने के लिए भी विपक्षी सदस्यों की कड़ी आलोचना की।
शर्मा ने पेगू का बचाव करते हुए कहा, "मूलत: राज्य के निवासी हिंदू विधायकों को सदन में नहीं बोलने देने की एक नयी प्रवृत्ति उत्पन्न हो गई है। यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है। कृपया इतने आक्रामक न हों। हमारी जमीन के बाद अब विधानसभा पर कब्जा करने की कोशिश न करें।"
पेगू तत्कालीन पूर्वी बंगाल से असम में लोगों के कथित प्रवासन और आक्रामकता के बारे में पुराने विधानसभा रिकॉर्ड का उल्लेख करते हुए एक बयान दे रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा, "आप हिंदू-मुस्लिम मुद्दों पर बात करना बंद नहीं कर सकते। ये जीवन की कठोर वास्तविकताएं हैं। यहां तक कि जनगणना भी हमें अपना धर्म लिखने के लिए कहती है।"
विधानसभा द्वारा पारित विधेयक के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह असमिया समुदाय की लड़ाई के बारे में है, जो "विलुप्त होने वाला है", कुछ और वर्षों तक अस्तित्व में होगा।
शर्मा ने कहा, "धुबरी, गोलपारा, बारपेटा, दरांग, नागांव, मोरीगांव में हमारी जमीन चली गई है। अब, हम बचे रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।"
इस बयान का विरोध करते हुए कांग्रेस विधायक ने सदन से बहिर्गमन किया।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)