देहरादून/ जोशीमठ, 19 जनवरी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को कहा कि जोशीमठ में भूधंसाव के कारणों को लेकर सभी तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट आते ही आगे की योजना पर तेजी से कार्य किया जाए तथा विस्थापन के संबंध में वहां के लोगों से सुझाव लेकर जल्द सरकार को अवगत कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली से लौटने के बाद जोशीमठ में चल रहे राहत कार्यों की यहां समीक्षा करते हुए कहा कि भूधंसाव ग्रस्त नगर के संबंध में अध्ययन कर रहे सभी केंद्रीय तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट मिलते ही वहां आगे की योजना पर तेजी से कार्य शुरू कर दिए जाएं।
जोशीमठ में भूधंसाव सामने आने के बाद से केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, राष्ट्रीय भू-भौतिक अनुसंधान संस्थान, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड, भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान तथा आईआईटी रूडकी जैसे संस्थान नगर का विभिन्न पहलुओं से अध्ययन कर रहे हैं। सभी संस्थानों ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट दो से तीन सप्ताह में देने की बात कही है।
धामी ने कहा कि विस्थापन के लिए वहां के लोगों से मिलकर सुझाव लिये जाएं और चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना स्थानीय लोगों से सुझाव लेकर सरकार को जल्द से जल्द रिपोर्ट भेजें। उन्होंने जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्र के विस्थापित किए जाने वाले लोगों को सरकार की ओर से बेहतर व्यवस्थाओं का आश्वासन दिया।
बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को उन शहरों के लिए भी कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए जहां सही जल निकासी योजना एवं सीवर प्रणाली नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सभी शहरों को श्रेणियों के आधार पर चिन्हित किया जाए।
उधर, खुराना ने जोशीमठ के प्रभावित परिवारों से पुनर्वास को लेकर सुझाव मांगे। उन्होंने नगर में भूधंसाव की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सभी प्रभावितों से किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर स्थायी विस्थापन और नया जोशीमठ बसाने को लेकर सुझाव मांगे हैं।
प्रभावित नागरिकों से एक अपील में जिलाधिकारी ने कहा कि वे अपने बहुमूल्य सुझाव जिला प्रशासन को दें ताकि उनके सुझाव और इच्छा के अनुरूप स्थायी विस्थापन की कार्रवाई अच्छे तरीके से की जा सके।
खुराना ने बृहस्पतिवार को जोशीमठ में असुरक्षित घोषित एक और भवन तोड़ने का आदेश जारी कर दिया। यह भवन जोशीमठ नगर पालिका के वार्ड नंबर-7 के दिनेश लाल का है जिन्होंने भूधंसाव के कारण असुरक्षित हो गए अपने मकान के ध्वस्तीकरण के लिए लिखित सहमति प्रदान कर दी थी।
इससे पहले, असुरक्षित घोषित दो होटलों, दो निजी भवनों तथा लोक निर्माण विभाग के डाक बंगले को नोडल एजेंसी केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान की तकनीकी निगरानी में वैज्ञानिक तरीके से तोड़े जाने की कार्रवाई चल रही है।
जोशीमठ समेत पूरे इलाके में आसमान में बादल छाए हुए हैं और आसपास की ऊंची चोटियों पर सुबह से ही बर्फ गिर रही है जिससे जोशीमठ समेत निचले इलाकों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
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