नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे एक पत्र में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने उन पर और उनके मंत्रियों पर प्रशासनिक जिम्मेदारी और संवैधानिक कर्तव्यों से भागने का आरोप लगाया है।
सात अक्टूबर को लिखे पत्र में सक्सेना ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘‘भाषण और विज्ञापन’’ पर आधारित शासन बुनियादी जनहित के कार्यों से अलग है।
सक्सेना का पत्र उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप करने और उसके फैसलों पर ‘‘असंवैधानिक रूप से’’ जांच बैठाने का आरोप लगाने के कुछ दिनों बाद आया है।
सक्सेना को करारा जवाब देते हुए केजरीवाल ने शनिवार को एक ट्वीट में कहा, ‘‘आज एक और लव लेटर आया है’’।
केजरीवाल ने इससे पहले भी एक ट्वीट में उपराज्यपाल पर कटाक्ष करते हुए कहा था, ‘‘एलजी साहब जितना मुझे डांटते हैं, उतना तो मेरी पत्नी भी नहीं डांटती’’।
उपराज्यापल ने कहा कि उनके पत्र और निर्देश सरकार को उसके कामकाज में ‘‘त्रुटियों और कमियों’’ के खिलाफ आगाह करने के लिए थे, फिर भी उन पर व्यक्तिगत रूप से हमला किया गया और ‘‘निराधार आरोपों’’ के तहत उन्हें निशाना बनाया गया।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उपराज्यपाल ने आबकारी नीति (अब समाप्त हो चुकी) की जांच, एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति की उपस्थिति में केजरीवाल या उनके मंत्रियों की अनुपस्थिति, बिजली सब्सिडी, शिक्षकों की भर्ती समेत कईं अन्य बिंदुओं की जांच के संबंध में अपने निर्देशों के बारे में पूछा कि ‘‘इन सभी मामलों की जांच के आदेश देने में वह कहां गलत थे।’’
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