अरुणाचल सरकार सभी के लिए सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करेगी: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पेमा खांडू (Photo Credits-Facebook)

ईटानगर, 15 अगस्त : अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू (Pema Khandu) ने राज्य के लोगों के लिए सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने को लेकर अपनी सरकार की प्रतिबद्धता रविवार को जताई. मुख्यमंत्री ने 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यहां इंदिरा गांधी पार्क में तिरंगा फहराने के बाद कहा कि उनकी सरकार कोविड-19 के खिलाफ अभूतपूर्व लड़ाई लड़ रही है और सभी के निरंतर समर्थन से सरकार इस चुनौती से निपटने में सक्षम है. खांडू ने कहा, ‘‘महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई शायद कठिन समय में हमारे दृढ निश्चय का सबसे अच्छा उदाहरण है. राज्य ने अनुकरणीय प्रदर्शन किया है और अभी तक हमारी लगभग 65 प्रतिशत आबादी को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है, जबकि लगभग 20 प्रतिशत लोगों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है. राज्य में लगभग 15,000 खुराक नियमित रूप से दी जा रही हैं.’’

मुख्यमंत्री ने बताया कि महामारी से लड़ने के लिए, अरुणाचल प्रदेश ने कई जांच प्रयोगशालाओं की स्थापना करके अपनी जांच क्षमता को बढ़ाया है. तीन महीने की समय सीमा में चिकित्सकीय ऑक्सीजन की सुविधा वाले बिस्तरों को संख्या 164 से बढ़ाकर लगभग 1,000 कर दी गई. उन्होंने कहा, ‘‘13 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित किए गए हैं जो सभी जिलों के लिए ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा करेंगे, जबकि पांच ऑक्सीजन संयंत्र महामारी की दूसरी लहर से पहले तैयार थे.’’ मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने कोविड-19 के कारण अनाथ हो गए बच्चों की सहायता के लिए 'मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' शुरू की है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्म निर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप, राज्य सरकार ने कृषि-बागवानी और संबद्ध गतिविधियों पर विशेष ध्यान देने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नशीली दवाओं के खतरे से निपटने के लिए ‘मिशन मोड’ में काम किया जाएगा और इसी के अनुसार सरकार ने ‘अरुणाचल प्रदेश मन:प्रभावी पदार्थ नीति 2021’ को मंजूरी दी थी. यह भी पढ़ें : Indian Independence Day 2021: कोविड-19 का प्रकोप घटने के बीच इंदौर में हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है 75वां स्वतंत्रता दिवस

खांडू ने शिक्षा के क्षेत्र का उल्लेख करते हुए बताया कि सरकार ने ऐसे स्कूलों का चयन किया है जिन्हें मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा, कम नामांकन वाले स्कूलों का अंतर-ग्राम स्कूलों में विलय किया जाएगा और राज्य के 300 स्कूलों में ‘अर्ली चाइल्डहुड केयर सेंटर’ स्थापित किए जाएंगे. खांडू ने कहा, ‘‘हमने सीमा पर अपनी मौजूदगी बढ़ाने और सीमावर्ती क्षेत्रों में आजीविका में सुधार के लिए कई सीमावर्ती सड़क और सीमावर्ती मॉडल गांव विकास पहल शुरू की हैं क्योंकि सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास पर हमारा मुख्य ध्यान है.’’ मुख्यमंत्री ने लोगों से अरुणाचल प्रदेश के विकास में योगदान देने की अपील की.