नई दिल्ली: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को कहा कि आप सरकार के पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगाने के बाद शहर में इस बार दीपावली पर करीब 70 प्रतिशत लोगों ने पटाखे नहीं फोड़े और अगले साल नतीजे इससे बेहतर होंगे. उन्होंने कहा कि प्रदूषण की समस्या का दीर्घकालिक उपाय ‘‘एक दिन में नहीं खोजा जा सकता.’’ गोपाल राय ने पत्रकारों से कहा, ‘‘सरकार के पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगाने के बाद शहर के करीब 70 प्रतिशत निवासियों ने पटाखे नहीं फोड़े. मैं उम्मीद करता हूं कि अगले साल नतीजे और बेहतर होंगे.’’
दिल्ली सरकार ने पांच नवंबर को शहर में सभी तरह के पटाखों की बिक्री और इनके इस्तेमाल पर 30 नवंबर तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया था. वहीं, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नौ नवंबर मध्यरात्रि से लेकर 30 नवंबर आधी रात तक सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रखा है.
राय ने ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ के दूसरे चरण की शुरुआत करते हुए कहा कि पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा बनाया गया ‘बायो-डी कम्पोज़र’ (घोल) पराली जलाने से रोकने का दीर्घकालिक समाधान है. यह भी पढ़े | योगी सरकार का बड़ा फैसला, UP के श्रद्धालुओं के लिए बद्रीनाथ और हरिद्वार में बनेगा अतिथिगृह.
पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों के अनुसार इस घोल से 15 से 20 दिन में पराली को खाद में बदला जा सकता है, जिससे इसे जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार पूसा द्वारा तैयार घोल के असर संबंधी रिपोर्ट को सोमवार को ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और आसपास के इलाके में वायु गुणवत्ता के लिए आयोग’ सौंपेगी और सभी राज्य सरकारों को इसे लागू करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध करेगी.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पिछले सप्ताह दिल्ली में कोविड-19 के रिकॉर्ड मामले आए लेकिन आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले दो तीन-दिनों में मामले कम हुए हैं.
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