यूरोपीय भेड़िये वन्य जीवन और ईकोसिस्टम को पुनर्जीवित कर रहे हैं, लेकिन उन्हें मवेशियों और इंसानों के लिए खतरे के रूप में भी देखा जा रहा है. आखिर ऐसा क्यों है?बचपन से ही बच्चे यह कहानी सुनते हुए बड़े होते हैं कि भेड़िये कितने खतरनाक हैं. वे जंगलों में घूमते हैं और छोटे सूअरों को खाने के लिए घरों को नष्ट कर देते हैं. हमें बचपन में पता चल जाता है कि भेड़िये अंधेरे में खतरनाक होते हैं. उन्हें क्रूर माना जाता है. हम दंतकथाओं या अपने अनुभव, दोनों वजहों से भेड़िये से डरना सीखते हैं. इस डर की वजह से ही 18वीं सदी में भेड़िये विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गए थे.
एक वक्त ऐसा भी था जब यूरोप में काफी संख्या में भेड़िये थे, लेकिन बड़े स्तर पर उनके सफाये के लिए बनी नीतियों की वजह से भेड़ियों की आबादी काफी ज्यादा कम हो गई थी. लगभग 100 साल बाद भेड़ियों की आबादी फिर से बढ़ी. आज करीब 17,000 भेड़िये यूरोप में हैं.
पारिस्थितिक तंत्र के लिए अच्छे, लेकिन मवेशियों के लिए बुरे
विज्ञान के मुताबिक भेड़िये पारिस्थितिक तंत्र के लिए अच्छे हैं. अमेरिका और कनाडा में किए गए अध्ययनों से पता चलता है कि जब भेड़ियों को उनके प्राकृतिक निवास स्थान पर दोबारा लाया जाता है, तो पारिस्थितिकीय तंत्र पर बेहतर असर पड़ता है.
हालांकि, हर कोई फिर से यूरोप में भेड़ियों की वापसी से खुश नहीं है. कुछ रिपोर्टों से पता चलता है कि भेड़िये तेजी से इंसानी सभ्यता पर अतिक्रमण कर रहे हैं. वे मवेशियों के साथ-साथ इंसानों पर भी हमला कर रहे हैं.
जर्मनी के लोअर सैक्सनी के किसानों ने भेड़ियों के ऐसे हमलों का सबसे बुरा अनुभव किया है. जनवरी और अगस्त 2023 के बीच भेड़ियों ने वहां 600 से ज्यादा जानवरों को मार डाला. हमलों के कारण किसानों को मामले अपने हाथों में लेने पड़े हैं और वे अक्सर अवैध रूप से भेड़ियों को मार देते हैं.
यूरोपीय संघ पर भेड़िया संरक्षण कानूनों को बदलने का दबाव
भेड़ियों की वजह से बढ़ते तनाव के कारण यूरोपीय संघ को हस्तक्षेप करना पड़ा है. हस्तक्षेप करने वालों में यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला फॉन डेय लायन भी शामिल हैं. उर्सुला फॉन डेय लायन 2022 से भेड़ियों को लेकर चर्चा के केंद्र में हैं, क्योंकि उस समय एक भेड़िये ने उनकी टट्टू ‘डॉली' को मार दिया था. इसके बाद, फॉन डेय ने उस भेड़िये को मारने का आदेश दिया जिसकी पहचान जीडब्ल्यू950एम के तौर पर की गई थी. हालांकि, वह भेड़िया शिकारियों से बचने में कामयाब रहा. माना जाता है कि इस नस्ल के भेड़िये की आबादी काफी ज्यादा है.
4 सितंबर, 2023 को अपने बयान में फॉन डेय ने कहा, "कुछ यूरोपीय देशों में भेड़ियों के झुंड काफी बढ़ गए हैं. यह मवेशियों के साथ-साथ इंसानों के लिए भी वास्तविक खतरा बन गया है. मैं स्थानीय और राष्ट्रीय अधिकारियों से आग्रह करती हूं कि जहां भी जरूरी हो वहां वे कार्रवाई करें. यूरोपीय संघ के कानून के तहत हम ऐसा कर सकते हैं.”
यूरोपीय संघ को अब यह निर्णय लेना है कि यूरोप के भीतर भेड़ियों की सुरक्षा से जुड़े कानून में संशोधन किया जाए या नहीं. कानून में संशोधन होने के बाद भेड़ियों को मारना आसान हो जाएगा.
पशु संरक्षणवादियों और किसानों के बीच मतभेद
किसान और शिकारी समूह भेड़ियों को मारने की अनुमति के लिए आवेदन करते समय भेड़िया संरक्षण कानूनों में ढील देने और नौकरशाही को कम करने पर जोर दे रहे हैं. जर्मन फार्मर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योआखिम रुकवीड ने अगस्त में अपने बयान में कहा, "मवेशियों का शिकार करने वाले भेड़ियों को तेजी से और अधिक कुशल तरीके से मारने की जरूरत है. साथ ही, भेड़ियों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए विश्वसनीय उपाय लागू करने की भी जरूरत है.”
उन्होंने आगे कहा, "अगर राजनेताओं ने भेड़िये से जुड़ी समस्या का हल नहीं निकाला, तो जर्मनी में मवेशियों, भेड़, बकरियों और घोड़ों को चराना अतीत की बात हो जाएगी.”
वहीं दूसरी ओर, संरक्षणवादी और पशु संरक्षण समूह यूरोपीय संघ से भेड़िया सुरक्षा कानूनों को बनाए रखने का आग्रह कर रहे हैं. रिवाइल्डिंग यूरोप के संरक्षण विशेषज्ञ फैबियन क्वेटियर ने डीडब्ल्यू को बताया, "भेड़िये यूरोप के विकासवादी इतिहास का हिस्सा हैं. हमने उन्हें लगभग एक बार खत्म कर दिया था, इसलिए हमें अपने पारिस्थितिकीय तंत्र में उनकी रक्षा करने की जरूरत है.” उन्हें चिंता है कि भेड़ियों का शिकार करना आसान बनाने के कदमों का यूरोपीय वन्य जीवन पर असर पड़ेगा.
वन्य जीवन को बेहतर बनाते हैं भेड़िये
1990 के दशक में, अमेरिका के येलोस्टोन नेशनल पार्क में भेड़ियों की आबादी फिर से बढ़ने के बाद नदी और वन पारिस्थितिकीय तंत्र को बहाल करने में मदद मिली. दरअसल, हिरण और एल्क (बारहसिंगा) की बढ़ती आबादी के कारण इस क्षेत्र में कटाव काफी ज्यादा बढ़ गया था. वहीं, जंगल के पेड़ों में पत्ते काफी ज्यादा कम हो गए थे.
भेड़ियों ने हिरण और एल्क का शिकार किया. इससे वन्य जीवन फिर से बेहतर होने लगा. पौधों, कीड़ों, पक्षियों और स्तनधारी प्रजातियों की वापसी हुई और नदी का कटाव भी कम हो गया. क्वेटियर ने कहा, "मुख्य बात यह है कि भेड़िये पारिस्थितिकीय तंत्र के संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं.”
भेड़ियों से डर
इंसानों पर भेड़िये के हमले के मामले काफी कम देखने को मिलते हैं. डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की रिपोर्ट के मुताबिक, 2002 से 2020 तक 18 साल में यूरोप और उत्तरी अमेरिका में इंसानों पर हमले के कुल 12 मामले सामने आए. हालांकि, क्वेटियर को इस बात की चिंता है कि भेड़ियों के प्रति जो रवैया अपनाया जा रहा है वह उसी तरह के डर से प्रभावित है जो लोगों ने 18वीं सदी में महसूस किया था.
क्वेटियर ने कहा, "आशंका है कि भेड़ियों को बड़े पैमाने पर मारने का अभियान फिर से शुरू हो सकता है. इससे पर्यावरण पर भयानक प्रभाव पड़ेगा.” 1970 के दशक में भेड़ियों को बेहतर कानूनी सुरक्षा मिली. उन्हें गोली मारने या जहर देकर मारने पर रोक लगा दी गई. इसकी वजह यह थी कि जंगल में रहने वाले मांसाहारी पशुओं को लेकर लोगों का नजरिया बदला था.
क्वेटियर ने कहा, "भेड़ियों को लेकर लोगों की मानसिकता बदलने के कारण उनकी सुरक्षा हुई. जैसे-जैसे पर्यावरणीय संकट बढ़ता गया, वन्यजीवों के लिए लोगों की चिंताएं बढ़ीं. वन्यजीवों की रक्षा के लिए हमारी नीतियों में यह बात साफ तौर पर जाहिर होती है.”
अब यूरोपीय आयोग का काम यह पता लगाना है कि ग्रामीण समुदायों को होने वाले नुकसान को कम करते हुए भेड़िये और इंसान एक साथ कैसे रह सकते हैं.