मुंबई, 16 नवंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि पिछले सप्ताह महाराष्ट्र के अमरावती और मालेगांव में प्रदर्शन के दौरान जो हिंसा फैली , उसकी योजना पहले ही बन गयी थी और राज्य सरकार ने अतिरिक्त पुलिस बल उपलब्ध होने के बाद भी उसका इस्तेमाल नहीं किया।
यहां भाजपा की प्रदेश इकाई के पदाधिकारियों एवं विधायकों की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि हिंसा का मकसद समाज का ध्रुवीकरण करना था।
उन्होंने कहा, ’’ अमरावती एवं मालेगांव जैसे शहरों में नजर आयी हिंसा समाज को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की ओर धकेलने की योजनाबद्ध रणनीति का हिस्सा थी। यह लोगों की जवाबी कार्रवाई को परखने का प्रयोग था। हमें आने वाले दिनों में इसको लेकर सावधान रहना होगा। ’’
विधानसभा में विपक्ष के नेता ने सवाल किया , ‘‘ जिस दिन हिंसा भड़की, उस दिन अमरावती में राज्य रिजर्व पुलिस बल की सात कंपनियां थीं। लेकिन उनका इस्तेमाल नहीं किया गया। राज्य सरकार ने इन कंपनियों के लिए आदेश क्यों नहीं जारी किया?’’
उन्होंने यह भी कहा कि त्रिपुरा में हिंसक घटनाओं, जिनके विरूद्ध विरोध मार्च निकाले गये, को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया एवं अफवाहें फैलायी गयीं।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ त्रिपुरा पुलिस ने अफवाह फैलाने की साजिश बेनकाब की है। लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आठ नवंबर को उसके बारे में ट्वीट किया तथा यहां यह प्रयोग शुरू किया गया। यह राज्य प्रायोजित हिंसा है। ’’
वरिष्ठ भाजपा नेता ने अमरावती एवं मालेगांव की घटनाओं की 2012 में मुंबई के आजाद मैदान में मुस्लिम संगठनों द्वारा निकाली गयी रैली से की जो हिंसक हो गयी थी।
उन्होंने कहा, ‘‘ जिस तरह आजाद मैदान हिंसा की योजना बनायी गयी और उसे अंजाम दिया गया, वैसा ही अमरावती एवं मालेगांव में नजर आया। ’’
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा, ‘‘ स्थानीय पुलिस ने इस बात की पुष्टि की कि उसने 200-300 लोगों की रैली की अनुमति दी थी लेकिन 20,000 से अधिक लोग सड़कों पर उतर आये और फिर कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पैदा हो गयी। क्या यह खुफिया विफलता थी?’’
पाटिल ने कहा कि जब अगले दिन हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया तब सरकार ने भाजपा को जिम्मेदार ठहराया एवं अमरावती में उसके नेताओं को गिरफ्तार कर लिया।
शुक्रवार को अमरावती, मालेगांव एवं महाराष्ट्र के कुछ अन्य शहरों में मुस्लिम संगठनों के प्रदर्शन के दौरान पथराव किया गया। इन संगठनों ने त्रिपुरा की कथित सांप्रदायिक हिंसा के विरूद्ध प्रदर्शन किया था। शनिवार को भाजपा के प्रदर्शन के दौरान भी पथराव किया गया।
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