नयी दिल्ली, छह जून राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के अगले कदम को लेकर जारी अटकलों के बीच उनके करीबी सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि वह अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं और इन पर कांग्रेस आलाकमान के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
कुछ खबरों में कहा गया है कि पायलट जल्द ही अलग पार्टी का गठन कर सकते हैं, हालांकि उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि फिलहाल उनका पूरा ध्यान उन मांगों पर है, जो वह पिछले कुछ महीनों से लगातार उठा रहे हैं।
पायलट ने हाल में तीन मांगें रखी थीं, जिनमें राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) को भंग करना और इसका पुनर्गठन, सरकारी परीक्षा के पेपर लीक होने से प्रभावित युवाओं को मुआवजा देना और वसुंधरा राजे नीत पिछली भाजपा सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की उच्चस्तरीय जांच कराना शामिल है।
नई पार्टी गठित करने की संभावना से जुड़ी खबरों के बारे में पूछे जाने पर पायलट के करीबी एक सूत्र ने कहा, ‘‘पायलट ने जो मुद्दे उठाए हैं, उन पर कांग्रेस नेतृत्व के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।’’
उधर, पायलट के करीबी माने जाने वाले राजस्थान के कृषि राज्य मंत्री मुरारी लाल मीणा ने कहा कि इस बात में कोई दम नहीं है कि पायलट नई पार्टी का गठन करने जा रहे हैं।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि यह अटकल कहां से शुरू हुई है। इस अटकल में कोई दम नहीं है।’’
पिछले दिनों कांग्रेस ने गहलोत और पायलट के साथ पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मैराथन बैठक के बाद कहा था कि दोनों नेता आगामी विधानसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ने पर सहमत हैं तथा उनके बीच के मुद्दों का समाधान आलाकमान करेगा।
पार्टी के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने यह भी कहा था कि गहलोत और पायलट पार्टी के प्रस्ताव पर सहमत हो गए हैं। हालांकि, उन्होंने इस बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया था।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)