America: अमेरिका की सोनल सिंह ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के अवसर पर प्रयागराज में 11,000 बार ‘राम’ नाम लिखेंगी
न्यूयॉर्क में रह रहीं 38 वर्षीय सोनल सिंह बेशक ‘रामलला’ की मूर्ति की ऐतिहासिक ‘प्राण प्रतिष्ठा’ देखने के लिए अयोध्या में मौजूद नहीं होंगी लेकिन वह निराश नहीं हैं, उनके पूर्वज अपनी उत्पत्ति इस मंदिर नगरी से ही मानते हैं और सोनल का मानना है कि भगवान राम एक आदर्श हैं जो केवल अयोध्या या भारत तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि पूरे ब्रह्मांड के स्वामी हैं.
लखनऊ, 14 जनवरी : न्यूयॉर्क में रह रहीं 38 वर्षीय सोनल सिंह बेशक ‘रामलला’ की मूर्ति की ऐतिहासिक ‘प्राण प्रतिष्ठा’ देखने के लिए अयोध्या में मौजूद नहीं होंगी लेकिन वह निराश नहीं हैं, उनके पूर्वज अपनी उत्पत्ति इस मंदिर नगरी से ही मानते हैं और सोनल का मानना है कि भगवान राम एक आदर्श हैं जो केवल अयोध्या या भारत तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि पूरे ब्रह्मांड के स्वामी हैं.
सोनल सिंह एक सॉफ्टवेयर सलाहकार हैं और आध्यात्म में उनका पूरा रुझान है. वह अभी प्रयागराज के संगम क्षेत्र में अक्षय वट मार्ग पर ‘राम नाम बैंक’ के माघ मेला शिविर में हैं. उनका मानना है कि ‘‘राम केवल एक नाम नहीं है, बल्कि एक (ऊर्जात्मक) शब्द है, जो सकारात्मक कंपन पैदा करता है और एक दिव्य शक्ति हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा पैदा करती है.’’ यह भी पढ़ें : Israel-Hamas War: इजरायल के PM नेतन्याहू की धमकी, जब तक जीत नहीं जाते, हमास के खिलाफ युद्ध रहेगा जारी
सिंह ने संगम क्षेत्र से ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘भगवान राम केवल एक प्रतीक नहीं हैं जो अयोध्या या भारत तक ही सीमित हैं. वास्तव में, उनकी आभा दुनिया भर में फैली हुई है. वह पूरी मानवता के लिए एक प्रतीक हैं. वह ‘ब्रह्मांड नायक’ (संपूर्ण ब्रह्मांड के स्वामी) हैं. वह इस धरती पर हर एक सभ्य व्यक्ति के लिए आदर्श हैं. इसलिए, उन्हें ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ भी कहा जाता है.’’