देश की खबरें | विभिन्न सेवा नियमों में संशोधन, राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना को मंजूरी

जयपुर, 24 नवंबर राजस्थान मंत्रिमंडल ने विभिन्न सेवा नियमों में संशोधन को बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी। साथ ही मंत्रिमंडल ने राज्य कार्मिकों को पदोन्नति के अधिक अवसर देने, राजस्थान में पर्यटन को बढ़ावा देने, राजस्थान सिविल सेवा (भूतपूर्व सैनिकों का आमेलन) नियम में संशोधन, राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति के प्रस्ताव पर अनुमोदन सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय किए हैं।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में आज शाम हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ये महत्वपूर्ण निर्णय किए गये।

बैठक में राज्य कार्मिकों को पदोन्नति के अधिक अवसर देने, राजस्थान में पर्यटन को बढ़ावा देने, राजस्थान सिविल सेवा (भूतपूर्व सैनिकों का आमेलन) नियम में संशोधन, राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति के प्रस्ताव पर अनुमोदन सहित कई अहम निर्णय किए गए हैं।

मंत्रिमंडल ने राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना-2022, राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति-2022’ का भी अनुमोदन किया है।

सरकारी बयान के अनुसार, ग्रामीण पर्यटन योजना से ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित की जाने वाली पर्यटन इकाईयों यथा ग्रामीण गेस्ट हाउस, कृषि पर्यटन इकाई, कैम्पिंग साइट, कैरावेन पार्क की स्थापना से गांवों में रोजगार सृजित होंगे और ग्रामीण हस्तशिल्प को संरक्षण मिलेगा। वहीं, देशी-विदेशी पर्यटक राजस्थान की ग्रामीण संस्कृति से रूबरू हो सकेंगे।

योजना के अंतर्गत, ग्रामीण पर्यटन इकाईयों की स्थापना एवं संचालन के प्रावधानों में, इकाईयां 15 फुट चौड़ी सड़क पर न्यूनतम 1,000 वर्गमीटर एवं अधिकतम दो हेक्टेयर कृषि भूमि पर अनुमत होंगी। इन इकाईयों को भू-संपरिवर्तन एवं बिल्डिंग प्लान अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी। इनमें स्टाम्प ड्यूटी में 100 प्रतिशत की छूट सहित कई प्रावधान किए गए हैं।

मंत्रिमंडल बैठक में ‘राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति-2022’ का अनुमोदन किया गया। नीति के अंतर्गत 50 वर्ग फीट प्रति व्यक्ति की न्यूनतम जगह के साथ छत उपलब्ध कराने, महिलाओं, मानसिक रूप से विक्षिप्तों एवं बीमारों जैसे विशेष श्रेणी के लोगों को समुचित निजता एवं सुरक्षा उपलब्ध करवाए जाने संबंधी प्रावधान किए गए हैं।

साथ ही, नीति में पेयजल, चिकित्सा सुविधा, पर्याप्त अग्नि सुरक्षा उपाय जैसी मूलभूत आवश्यकताएं भी उपलब्ध करवाए जाने एवं बेघर व्यक्तियों के लिए शेल्टर्स गृह का संचालन करने सहित विभिन्न प्रावधान हैं। इस निर्णय से बेघरों को शिक्षा, कौशल एवं रोजगार उपलब्ध करवाया जाकर सशक्त बनाया जाएगा।

मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा (भूतपूर्व सैनिकों का आमेलन) नियम, 1988 में संशोधन का बड़ा फैसला लिया है। इससे राज्य की भर्तियों में भूतपूर्व सैनिकों को क्षैतिज (हॉरीजांटल) श्रेणीवार आरक्षण प्राप्त होगा। इस संशोधन से अनुसूचित जाति/जनजाति के भूतपूर्व सैनिकों को भी समग्र रूप से सीधी भर्तियों में आनुपातिक प्रतिनिधित्व मिलेगा। साथ ही पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पदों में से पिछड़ा वर्ग के सामान्य अभ्यर्थियों (भूतपूर्व सैनिकों के अलावा) का भी सम्यक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सकेगा।

मंत्रिमंडल में राजस्थान कम्प्यूटर राज्य एवं अधीनस्थ सेवा नियम, 1992 की अनुसूची-1 में संशोधन किया गया। इसके अनुसार, प्रोग्रामर के पद पर नियुक्ति हेतु 50 प्रतिशत सीधी भर्ती तथा 50 प्रतिशत पदोन्नति के वर्तमान प्रावधान को संशोधित कर 40 प्रतिशत सीधी भर्ती तथा 60 प्रतिशत पदोन्नति से किया जा सकेगा।

मंत्रिमंडल में राजस्थान वाणिज्यिक कर अधीनस्थ सेवा (सामान्य शाखा) नियम, 1975 में संशोधन को मंजूरी दी गई। इसके अंतर्गत कर सहायक से कनिष्ठ वाणिज्यिक कर अधिकारी के पद पर पदोन्नति का कोटा 37.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 87.5 प्रतिशत किया गया है। इस निर्णय से कर सहायक के पद पर कार्यरत कार्मिकों को पदोन्नति का लाभ प्राप्त हो सकेगा।

बैठक में राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम, 2017 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। राज्य विधि विज्ञान सेवा नियम, 1979 एवं राज्य विधि विज्ञान अधीनस्थ सेवा नियम, 1980 में संशोधन को मंजूरी प्रदान की है। इसके साथ ही राजस्थान वानिकी एवं जैव विविधता विकास समिति के गठन को स्वीकृति दी गई है।

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