Australian Open 2024: ऑस्ट्रेलियाई ओपन के क्वार्टर फाइनल में पहुंचे कार्लोस अल्कारेज, ज्वेरेव से होगी भिड़ंत
Carlos Alcaraz (Photo Credit: @carlosalcaraz/X)

Australian Open 2024: बीस साल के विंबलडन चैंपियन अल्कारेज 2023 में चोट के कारण सत्र के इस पहले ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट में नहीं खेल पाए थे. दूसरे वरीय अल्कारेज ने प्री क्वार्टर फाइनल में मियोमिर केसमानोविच को दो घंटे से भी कम समय में 6-4, 6-4, 6-0 से हराया. ज्वेरेव ने एक अन्य प्री क्वार्टर फाइनल में 19वें नंबर के खिलाड़ी कैमरन नूरी को चार घंटे तक चले कड़े मुकाबले में 7-5, 3-6, 6-3, 4-6, 7-6 से हराया. दानिल मेदवेदेव भी क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में सफल रहे जबकि डायना यास्त्रेमस्का और लिंडा नोसकोवा ने पहली बार किसी ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट के महिला एकल के अंतिम आठ में जगह बनाई. यह भी पढ़ें: ऑस्ट्रेलियाई ओपन के क्वार्टर फाइनल में पहुचीं रोहन बोपन्ना-मैथ्यू एब्डेन की जोड़ी, वेस्ले कूलहोफ और निकोला मेक्टिक को दी मात

मेदवेदेव ने सोमवार को नुनो बोर्गेस को 6-3 7-6 5-7 6-1 से हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया. अंतिम आठ के मुकाबले में उनकी भिड़ंत नौवें नंबर के ह्युबर्ट हुरकाज से होगी जिन्होंने फ्रांस के वाइल्ड कार्ड धारक आर्थर केजो को 7-6, 7-6, 6-4 से हराया. यास्त्रेमस्का ने महिला एकल में दो बार की चैंपियन विक्टोरिया अजारेंका को सीधे सेट में 7-6 6-4 से हराया जबकि 18वें नंबर की एलिना स्वितोलिना जब नोसकोवा से 0-3 से पीछे चल रहीं थी तो उन्होंने पीठ की चोट के कारण मुकाबले से हटने का फैसला किया.

अजारेंका को पहले सेट में दो बार अपनी सर्विस पर सेट जीतने का मौका मिला और 6-5 के स्कोर पर उनके पास दो सेट प्वाइंट थे लेकिन वह इनका फायदा नहीं उठा सकीं। यूक्रेन की यास्त्रेमस्का ने इसके बाद 74 मिनट में पहला सेट जीता. दूसरे सेट में भी बेलारूस की अजारेंका 3-0 ने आगे थी लेकिन यास्त्रेमस्का ने अगले सात में से छह गेम जीतकर मैच अपने नाम किया.

यूक्रेन और रूस तथा बेलारूस के खिलाड़ियों के बीच परिपाटी को आगे बढ़ाते हुए अजारेंका और यास्त्रेमस्का ने हाथ नहीं मिलाए. नोसकोवा-स्वितोलिना के बीच हुए मुकाबले का पहला गेम 11 मिनट चला। नोसकोवा ने स्वितोलिना की सर्विस तोड़ी और फिर अपनी सर्विस बचाकर स्कोर 2-0 किया। स्वितोलिना ने टाइम आउट लेकर कमर का उपचार कराया.

मैच शुरू होने पर यूक्रेन की स्वितोलिना की सर्विस की गति काफी कम थी और उन्हें मूवमेंट में भी परेशानी हो रही थी. नोसकोवा ने इसका फायदा उठाकर फिर सर्विस तोड़ी और स्वितोलिना ने मुकाबले से हटने का फैसला किया.

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