देश की खबरें | महानवमी के बजाय रामनवमी की बधाई देकर भाजपा के निशाने पर आए अखिलेश

लखनऊ, 14 अक्टूबर समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव बृहस्पतिवार को ट्विटर पर 'महानवमी' के स्थान पर 'रामनवमी' की बधाई देकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के निशाने पर आ गए।

अखिलेश ने एक ट्वीट किया जिसे भाजपा ने साझा किया उस ट्वीट में सपा अध्यक्ष ने लोगों को रामनवमी की बधाई दी थी। हालांकि बाद में अखिलेश ने वह ट्वीट हटा लिया और उसके बाद महानवमी की बधाई वाला संदेश पोस्ट किया।

भाजपा द्वारा साझा किए गए अखिलेश के रामनवमी की बधाई वाले ट्वीट पर पार्टी (भाजपा) नेता अमित मालवीय ने टिप्पणी की ‘‘रामनवमी का पर्व चैत्र मास में मनाया जाता है। शारदीय नवरात्रों में महानवमी होती है, जो माँ दुर्गा की आराधना का दिन है। यही होता है जब कार सेवकों पर गोली चलाने वाले, चुनाव आते ही हिंदू बनने का ढोंग करने लगते हैं।’’

भाजपा नेताओं ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा द्वारा भी लोगों को रामनवमी की बधाई दिए जाने संबंधी ट्वीट को रीट्वीट किया है।

इस बीच, उत्तर प्रदेश भाजपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से अखिलेश और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दो तस्वीरें पोस्ट कीं। इस तस्वीर में योगी कन्या पूजन कर रहे हैं। तस्वीर के कैप्शन में लिखा है "फर्क साफ है। नया-नया हिंदू और सनातनी हिंदू। अखिलेश को रामनवमी और दुर्गा नवमी के बीच अंतर नहीं पता।’’

भाजपा ने सपा अध्यक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि रामनवमी और महानवमी के बीच के अंतर की जानकारी नहीं रखने वाले अखिलेश यादव अब राम और परशुराम की बात कर रहे हैं।

पार्टी ने अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा लगाई जाने वाली टोपी का जिक्र करते हुए कहा "लोगों को टोपी ना पहनाइए। यह आप पर ही अच्छी लगती है।"

गौरतलब है कि सपा ने राजधानी लखनऊ में परशुराम की 108 फीट ऊंची प्रतिमा लगाने का ऐलान किया था।

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