जरुरी जानकारी | एयरटेल का वित्त वर्ष 2030-31 तक अपनी ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 50 प्रतिशत कटौती का वादा

नयी दिल्ली, 20 सितंबर दूरसंचार क्षेत्र की प्रमुख कंपनी भारती एयरटेल ने सोमवार को कहा कि वह जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयासों में शामिल हो गयी है और उसने अपने पूरे परिचालन में वित्त वर्ष 2030-31 तक प्रदूषण फैलाने वाले उत्सर्जन में 50 प्रतिशत की कमी लाने की प्रतिबद्धता जतायी है।

कंपनी ने अपने नेटवर्क परिचालन में कार्बन फुटप्रिंट और उत्सर्जन को काफी कम करने का वादा किया है। इसके तहत वह अपने नेटवर्क परिचालन, ऊर्जा बचाने वाले बुनियादी ढांचे और प्रक्रियाओं में हरित ऊर्जा को अपनाने में तेजी लाने के साथ-साथ अपने कार्यस्थलों पर कारोबार की सतत प्रथाओं को लागू करने सहित कई हस्तक्षेपों के माध्यम से अपने व्यापक लक्ष्यों को प्राप्त करेगी।

एयरटेल ने एक बयान में कहा, "भारती एयरटेल ने आज जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने और एक सतत ग्रह के निर्माण से जुड़े वैश्विक प्रयासों में योगदान करने की अपनी प्रतिबद्धता की घोषणा की।"

कंपनी ने कहा कि वह अपने पूरे परिचालन में वित्त वर्ष 2030-31 तक कार्बन उत्सर्जन में 50 प्रतिशत की कमी लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

कंपनी की इस ताजा पहल पर टिप्पणी करते हुये भारती एयरटेल, विधि प्रभाग के निदेशक विद्युत गुलाटी ने जलवायु परिवर्तन को मानव मात्र के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती बताया। उन्होंने कहा, ‘‘हमें बिना और देरी किये मिलकर पृत्वी की रक्षा के लिये काम करना चाहिये। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि हम ऐसी स्थिति में नहीं पहुंच जायें जहां से वापस निकलना मुश्किल हो। इस मामले में व्यवसायों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिये एयरटेल ने इस दिशा में महत्वकांक्षी लक्ष्य तय किया है। वह इस दिशा में अपनी प्रगति को पूरी पारदर्शिता के साथ रिपोर्ट करती रहेगी।’’

इसके साथ ही एयरटेल संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक समझौते में शामिल होने वाली पहली भारतीय दूरसंचार कंपनी बन गई है। यह दुनिया की सबसे बड़ा कार्पोरेट निरंतरता पहल है।

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