देश की खबरें | राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कई जगह वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘अत्यंत खराब’ श्रेणी में
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नोएडा, 20 नवंबर वायु प्रदूषण के मामले में शुक्रवार को गाजियाबाद शहर ‘रेड जोन’ में प्रवेश कर गया और यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सर्वाधिक खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों में शामिल रहा।

गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक आज 320 दर्ज किया गया जो ‘अत्यंत खराब’ श्रेणी में है।

यह भी पढ़े | Congress Infighting: कपिल सिब्बल के बाद अब चिदंबरम ने बिहार में हार के लिए कांग्रेस नेतृत्व पर उठाए सवाल.

प्रदूषण सूचकांक ऐप ‘समीर’ के अनुसार शुक्रवार रात तक गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 320 दर्ज किया गया। इसके बाद दूसरे नंबर पर ग्रेटर नोएडा रहा जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 310 दर्ज किया गया।

‘समीर’ के अनुसार तीसरे नंबर पर नोएडा रहा जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 302 रहा। इसके अलावा हापुड़ में 207, फरीदाबाद 296, गुरुग्राम 276, आगरा 295, बल्लभगढ़ 270, भिवानी 329 और मेरठ में वायु गुणवत्ता सूचकांक 292 दर्ज किया गया।

यह भी पढ़े | Chhath Puja 2020: बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने दिया सूर्य को अर्घ्‍य, देशभर में व्रतियों ने मांगी मुराद.

गोवर्धन पूजा के दिन हुई बारिश की वजह से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की आबोहवा में काफी सुधार आया था। इससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के ज्यादातर शहर ‘रेड जोन’ से ‘यलो जोन’ और ’ऑरेंज जोन’ में आ गए थे। किंतु बृहस्पतिवार से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की हवा फिर से दूषित होनी शुरू हो गई तथा यहां के कई प्रमुख शहर अब ‘रेड जोन’ में आ गए हैं।

शून्य से 50 के बीच वायु गुणवत्ता ‘अच्छी’, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘अत्यंत खराब’ और 401 से 500 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)