चेन्नई, 21 जुलाई : तमिलनाडु में विपक्षी दल अन्नाद्रमुक का मुख्यालय 'एमजीआर मालिगई' 10 दिनों के बाद बृहस्पतिवार को फिर से खोल दिया गया. पार्टी नेता के पलानीस्वामी और ओ पन्नीरसेल्वम के समर्थकों के बीच हुई हिंसा के बाद राजस्व अधिकारियों ने पार्टी मुख्यालय को सील कर दिया था. अन्नाद्रमुक के अंतरिम महासचिव पलानीस्वामी के प्रति निष्ठा रखने वाले पुलिसकर्मियों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में राजस्व अधिकारियों ने पार्टी मुख्यालय पर लगी हुई सील हटा दी.
अन्नाद्रमुक मुख्यालय को 11 जुलाई को सील करने के राजस्व मंडल अधिकारी (आरडीओ) के आदेश को बुधवार को रद्द करने के मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के बाद कार्यालय पर लगी सील को हटाया गया. पलानीस्वामी और अपदस्थ नेता पनीरसेल्वम के प्रति निष्ठा के कारण अन्नाद्रमुक के दो समूहों के बीच संघर्ष के बाद 11 जुलाई को पार्टी मुख्यालय को बंद करने के बाद उसे सील कर दिया गया था. उस दिन के घटनाक्रम के बीच पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था आम परिषद ने पलानीस्वामी को नए अंतरिम महासचिव के रूप में चुना और पन्नीरसेल्वम को बाहर कर दिया. यह भी पढ़ें : केजरीवाल का गुजरात में सत्ता में आने पर मुफ्त एवं चौबीसों घंटे बिजली देने का वादा
इससे पहले, मद्रास उच्च न्यायालय ने बुधवार को अपने एक फैसले में 11 जुलाई को हुई हिंसा के बाद तमिलनाडु के राजस्व विभाग द्वारा अन्नाद्रमुक मुख्यालय पर ताला लगाए जाने और इसे सील किए जाने की कार्यवाही बुधवार को रद्द कर दी तथा निर्देश दिया कि कार्यालय की चाबियां पार्टी प्रमुख के. पलानीस्वामी को सौंप दी जाएं. न्यायमूर्ति एन सतीश कुमार ने पार्टी के अंतरिम महासचिव पलानीस्वामी तथा अपदस्थ नेता ओ पनीरसेल्वम की याचिकाओं पर आदेश पारित करते हुए कार्यवाही निरस्त कर दी. न्यायाधीश ने सरकार को सील हटाने और पलानीस्वामी को चाबियां सौंपने का निर्देश दिया तथा पुलिस से यहां रोयापेट्टा में अव्वाई षणमुगम सलाई स्थित कार्यालय को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए भी कहा.