देश की खबरें | पश्चिम बंगाल में चुनाव जीतने के बाद दिल्ली में लाएंगे ‘परिवर्तन’ : बनर्जी

कलाईकुंडा/गड़बेता/केसिआरी, 18 मार्च तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव जीतने के बाद दिल्ली में ‘परिवर्तन’ लाएंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा अपनी पूरी ताकत से पश्चिम बंगाल को निशाना बना रही है क्योंकि उसे पता है कि राज्य में चुनाव जीतने के तुरंत बाद वह (बनर्जी) केंद्र में जाएंगी।

उन्होंने भाजपा पर उनके ‘परिवर्तन’ नारे को ‘‘चुराने’’ और इसे ‘असल परिवर्तन’ के नाम से पेश करने का आरोप लगाया।

पश्चिमी मेदिनीपुर जिले के कलाईकुंडा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘भाजपा को भय है कि यदि हम पश्चिम बंगाल में जीतते हैं तो हम दिल्ली में एक विकल्प लेकर आएंगे और इसीलिए वे राज्य को पूरी ताकत से निशाना बना रहे हैं।’’

यह आरोप लगाते हुए कि भाजपा विधानसभा चुनाव में गड़बड़ी का प्रयास करेगी, उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से चुनाव के दौरान और दो मई को मतगणना होने तक सतर्क रहने को कहा।

पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में विधानसभा चुनाव होगा। पहले चरण में 27 मार्च को मतदान होगा।

यह उल्लेख करते हुए कि कभी माओवादियों का गढ़ रहे जंगलमहल क्षेत्र में अब शांति है, बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार ने पश्चिमी मेदिनीपुर, झाड़ग्राम, बांकुड़ा और पुरुलिया जिलों के विकास के लिए सब कुछ किया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि माकपा, कांग्रेस और भाजपा ने आपस में हाथ मिला रखा है और लोगों से कहा कि वे इन दलों के उम्मीदवारों को वोट न दें।

मेदिनीपुर के सांसद एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष का नाम लिए बिना बनर्जी ने कहा, ‘‘भाजपा झूठ की पार्टी है। यह अपने शब्दों पर खरी नहीं उतरती। यहां से भगवा दल के सांसद ने लोगों के लिए कुछ भी नहीं किया है।’’

उन्होंने केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर ‘‘रेलवे को बेचने की कोशिश’’ का आरोप लगाते हुए खड़गपुर के रेलकर्मियों से कहा कि वे भगवा दल को वोट न दें।

बनर्जी ने कुछ जातियों को ओबीसी आरक्षण देने और उच्च अध्ययन के लिए छात्रों को केवल चार प्रतिशत ब्याज पर दस लाख रुपये का शिक्षा ऋण देने का वादा भी किया।

बनर्जी ने केसिआरी में एक अलग रैली में ‘‘मार्क्सवादी मित्रों’’ से ‘‘सांप्रदायिक भाजपा के सहयोगियों’’ माकपा या कांग्रेस को वोट नहीं देने के लिए कहा।

उन्होंने जनता को उन लोगों को एक भी वोट नहीं देने को कहा ‘‘जिनका संबंध गांधीजी के हत्यारों से हैं।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘माकपा अब भाजपा की मदद कर रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘केवल तृणमूल कांग्रेस भाजपा के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी।’’

बनर्जी ने कहा, ‘‘हमले के बाद वे (भाजपा) अब झूठ फैला रहे हैं। साजिश के बाद अब वे चरित्र हनन में शामिल हैं।’’

तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने आरोप लगाया कि केन्द्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार करोड़ों रुपये की लूट में शामिल है और अपने विरोधियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बताये कि पीएम केयर फंड का क्या हुआ। उज्ज्वला योजना का क्या हुआ।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पीएसयू को बेचकर और उन्हें बंद करके कितना पैसा बनाया जा रहा है? ऑडिट नहीं है, उस बड़ी रकम का कोई हिसाब नहीं है।’’

बनर्जी ने भाजपा को किसान विरोधी और आदिवासी विरोधी बताया। उन्होंने कहा, ‘‘हम (तृणमूल कांग्रेस) आदिवासियों की जमीन नहीं छीनेंगे। हमने उन्हें पट्टा दिया है। हम भाजपा को किसान विरोधी कृषि विधेयकों को लागू नहीं करने देंगे।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि चक्रवात ‘अम्फान’ के बाद उनकी सरकार ने प्रभावितों की हरसंभव मदद की और हो सकता है कि ‘‘एक या दो’’ लाभार्थी छूट गये हों, लेकिन भाजपा के नेताओं को संकट के उस समय में कहीं नहीं देखा गया।

बनर्जी ने दावा किया कि भाजपा नेता चुनाव से ठीक पहले ‘‘मतदाताओं को लुभाने और वोट हासिल करने के लिए बाहर से नकदी के साथ हेलीकॉप्टर और विमानों से यहां पहुंचते है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस सरकार ने चक्रवात प्रभावितों के लिए हजारों करोड़ रुपये की मदद की। एक या दो अपवाद हो सकते हैं...लेकिन हम लोगों की मदद करने के लिए पहुंचे हैं। तब भाजपा के नेता कहां थे? मानवीय संकट के समय वह हमेशा गायब रहते हैं।’’

बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लागू नहीं होने देगी। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘गणना करने वालों की यात्रा के दौरान घर पर नहीं पाये जाने पर भाजपा मतदाताओं के नामों को हटा देगी। वे आपको (लोगों) निकाल देंगे। लेकिन हम उन्हें यहां रजिस्टर अद्यतन करने की अनुमति नहीं देंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी परिवार के एक भी सदस्य, देश के किसी भी नागरिक को बंगाल से निकाला नहीं जा सकता है।’’

भाजपा को ‘‘दंगाइयों की पार्टी’’ बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम हिंसा नहीं चाहते हैं, हम खून-खराबा नहीं चाहते हैं और हम बंगाल में प्रतिशोध की राजनीति नहीं चाहते हैं।’’

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