जरुरी जानकारी | कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट के बाद अप्रत्याशित लाभ कर की समीक्षा की जरूरत : रिपोर्ट

नयी दिल्ली, 13 जुलाई कच्चे तेल के दामों में नरमी आने की वजह से रिफाइनरी कंपनियों के डीजल, पेट्रोल और विमान ईंधन (एटीएफ) के शोधन से प्राप्त मार्जिन में बड़ी गिरावट आई है। जून में कच्चे तेल की कीमतें अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थीं और रिफाइनरी इकाइयों को ‘अप्रत्याशित’ लाभ हो रहा था, जो अब समाप्त हो गया है। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

सरकार ने एक जुलाई को पेट्रोल और एटीएफ पर छह रुपये प्रति लीटर तथा डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर का निर्यात शुल्क लगाया था। इसके अलावा कच्चे तेल के घरेलू उत्पादन पर 23,250 रुपये प्रति टन का अप्रत्याशित कर लगया गया था। उस समय वित्त मंत्रालय ने कहा था कि हर पखवाड़े कर की समीक्षा की जाएगी।

ब्रोकरेज समूह सीएलएसए ने कहा, ‘‘कच्चे तेल की कीमतें जून में उच्चतम स्तर पर थीं लेकिन अब इनमें नरमी आने के कारण बीते दो हफ्ते में डीजल, पेट्रोल और विमान ईंधन के शोधन के जरिये मिलने वाले मार्जिन में भी बड़ी गिरावट आई है।’’

समूह ने कहा, ‘‘इससे दो सप्ताह पहले लगाए गए अप्रत्याशित लाभ कर को जारी रखने की जरूरत पर सवाल खड़े होते हैं।’’

अप्रत्याशित लाभ कर के बाद डीजल और पेट्रोल से मिलने वाला वास्तविक लाभ बेहद कम हो गया, बल्कि यह घाटे के स्तर तक पहुंच गया है। वहीं एटीएफ और कच्चे तेल पर वास्तविक लाभ 15 साल के औसत से नीचे चला गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘12 डॉलर प्रति बैरल के अप्रत्याशित लाभ कर की वजह से शोधन से प्राप्त लाभ घटकर महज दो डॉलर प्रति बैरल रह गया। इसी तरह निर्यात कर के बाद डीजल पर लाभ भी 26 डॉलर प्रति बैरल से घटकर सिर्फ दो डॉलर प्रति बैरल रह गया है।’’

कच्चे तेल के घरेलू उत्पादन पर अप्रत्याशित लाभ कर से सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी की कमाई बुरी तरह प्रभावित हुई है, वहीं निर्यात कर के कारण रिलायंस का रिफाइनिंग मार्जिन 12 डॉलर प्रति बैरल घट सकता है।

डीजल पर शोधन से प्राप्त लाभ जून में 55-60 डॉलर प्रति बैरल था जो घटकर 30 डॉलर प्रति बैरल हो गया वहीं एटीएफ पर यह 50-55 डॉलर प्रति बैरल से कम होकर 25-30 डॉलर प्रति बैरल रह गया है। पेट्रोल पर भी लाभ 30-35 डॉलर प्रति बैरल से कम होकर 10-15 डॉलर प्रति बैरल रह गया है।

इसी के साथ ब्रेंट कच्चे तेल का दाम भी 15-20 डॉलर प्रति बैरल घटकर करीब 100 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है।

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